डोडा में बादल फटने से तबाही: 3 की मौत, कई घर क्षतिग्रस्त, हालात गंभीर
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जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के बीच डोडा जिले में मंगलवार को बादल फटने से भारी तबाही मची है। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है और लगभग 15 घरों को नुकसान पहुंचा है।

डोडा के डीसी हरविंदर सिंह ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्र सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा नहीं है, जिससे बचाव अभियान में मुश्किलें आ रही हैं। वहां तक पहुंचने के लिए 40-50 मिनट पैदल चलना पड़ता है।

पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है। बीती रात चारवा और मरम्मत इलाके में बादल फटा, जिससे तीन पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। चिनाब नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

डोडा के कमिश्नर ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी है कि लगातार बारिश, भूस्खलन और पत्थरों के गिरने से एनएच-244 (डोडा-किश्तवाड़) पर जंगलगवार नाले के पास यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। सड़क का एक हिस्सा बह गया है। लोगों से अपील की गई है कि बहाली तक यात्रा से बचें।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक की और इसे गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि वे खुद हालात पर नजर बनाए हुए हैं और जल्द ही जम्मू का दौरा करेंगे। उन्होंने आपातकालीन बहाली कार्यों और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उपायुक्तों को अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने डोडा के डीसी हरविंदर सिंह से बात की है। उनके अनुसार, भलेसा के चरवा इलाके में अचानक बाढ़ आने की सूचना मिली है। हालांकि, अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है।

भारी बारिश को देखते हुए जम्मू क्षेत्र के प्रशासन ने आपात स्थिति से निपटने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।

खराब मौसम के कारण माता वैष्णो देवी की यात्रा रोक दी गई है। मौसम विभाग ने जम्मू क्षेत्र के लिए रेड वार्निंग जारी की है और कुछ स्थानों पर बहुत भारी वर्षा की संभावना जताई है।

मौसम विभाग के अनुसार, सुबह 8:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे के बीच जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश दर्ज की गई: सांबा (136.0 मिमी), बुर्मल (कठुआ, 97.5 मिमी), जम्मू (93.0 मिमी), भद्रवाह (डोडा, 92.0 मिमी), और रियासी (84.0 मिमी)।

अधिकारियों ने अगले 40 घंटों में जम्मू संभाग में मध्यम से भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। बसंतर, तवी और चिनाब नदियों का जलस्तर चेतावनी स्तर तक पहुंच गया है। एहतियात के तौर पर, निवासियों और पर्यटकों को नदी किनारों और बाढ़ संभावित क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी गई है।

गौरतलब है कि 14 अगस्त को किश्तवाड़ के चशोती में बादल फटने से कई घर बह गए थे और 65 लोगों की मौत हो गई थी।

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