भारत ने इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस हथियार प्रणाली (आईएडब्ल्यूएस) का सफल परीक्षण किया है. यह परीक्षण भारत के एयर डिफेंस सिस्टम और क्षमता को एक नए युग में ले जाने वाला साबित हुआ है.
विशेषज्ञों के अनुसार, यह उपलब्धि भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल करती है जिनके पास आधुनिक, स्वदेशी और बहु-स्तरीय वायु रक्षा प्रणाली मौजूद है.
आईएडब्ल्यूएस एक बहु-स्तरीय वायु रक्षा प्रणाली है जिसमें पूरी तरह स्वदेशी क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (क्यूआरएसएएम), एडवांस्ड वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम मिसाइलें और एक उच्च शक्ति वाला लेजर आधारित निर्देशित ऊर्जा हथियार शामिल है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, भारतीय सशस्त्र बलों और उद्योग जगत को आईएडब्ल्यूएस के सफल विकास के लिए बधाई दी है. उन्होंने कहा कि यह अनूठा उड़ान परीक्षण देश की बहु-स्तरीय एयर डिफेंस क्षमता को स्थापित करता है. इससे महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा को मजबूती मिलेगी और देश शत्रु के हवाई खतरों के प्रति और अधिक सशक्त बनेगा.
डीआरडीओ ने 23 अगस्त को ओडिशा तट से इस एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली का पहला उड़ान परीक्षण किया.
आईएडब्ल्यूएस एक बहु-स्तरीय एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसे पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है. इसमें क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल शामिल हैं. यह मिसाइल दुश्मन के लड़ाकू विमानों और मिसाइलों को मध्यम दूरी पर निशाना बनाने में सक्षम है.
एडवांस्ड वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम कम ऊंचाई पर आने वाले हवाई खतरों जैसे ड्रोन, हेलीकॉप्टर और फाइटर जेट्स को तुरंत निष्क्रिय करने की क्षमता रखता है.
भारत के इस एयर डिफेंस सिस्टम से दुश्मन के लड़ाकू विमानों, ड्रोन हमले, हेलीकॉप्टर से किए जाने वाले हमले और अन्य किसी भी प्रकार के हवाई हमले को निष्क्रिय किया जा सकता है, बल्कि दुश्मन के इन हथियारों को हवा में ही मार गिराया जाएगा.
इसके हथियार निर्देशित ऊर्जा हथियार से लैस हैं. उच्च शक्ति वाला लेजर आधारित यह हथियार आधुनिक युद्ध की दिशा बदलने में सक्षम है और शत्रु के हवाई लक्ष्यों को पलक झपकते ही नष्ट कर सकता है.
इस उड़ान परीक्षण ने भारत की मल्टी-लेयर्ड एयर डिफेंस क्षमता को स्थापित कर दिया है. यह प्रणाली किसी भी हवाई खतरे से निपटने में सक्षम है. चाहे वह फाइटर जेट हो, ड्रोन, हेलीकॉप्टर, या क्रूज मिसाइल हो, यह भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम सभी को अलग-अलग स्तर पर रोकने में सक्षम होगा.
यह प्रणाली देश की महत्वपूर्ण सैन्य और औद्योगिक स्थापनाओं को दुश्मन के हवाई हमलों से सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाएगी.
इस सफल परीक्षण से भारत न केवल अपनी रक्षा क्षमता को मजबूत कर रहा है बल्कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण की दिशा में भी एक बड़ा कदम बढ़ा चुका है.
भारत ने इसी सप्ताह अपनी अत्याधुनिक मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण भी किया है. यह परीक्षण ओडिशा के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज, चांदीपुर से किया गया था.
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस परीक्षण में बैलिस्टिक मिसाइल ने अपने सभी संचालनात्मक और तकनीकी मापदंडों को सफलतापूर्वक सत्यापित किया है. इस परीक्षण के बाद मिसाइल क्षेत्र में भारत की शक्ति में जबरदस्त इजाफा हुआ है.
इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम का सफल टेस्ट, ओडिशा के तट पर हुआ सफल परीक्षण#airdefenceweaponsystem pic.twitter.com/T0BjV4a1qK
— NDTV India (@ndtvindia) August 24, 2025
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