फ्लांस के राफेल लड़ाकू विमान ने अमेरिकी F-35 स्टील्थ जेट के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है. फिनलैंड में आयोजित बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास ट्राइडेंट अटलांटिक-25 के दौरान राफेल ने अमेरिकी विमान को हवाई युद्धाभ्यास में मात देकर स्कोर ए किल हासिल किया.
इसका मतलब है कि राफेल ने हवाई युद्धाभ्यास के दौरान F-35 को पूरी तरह लॉक कर लिया, मानो उसे मार गिराया गया हो. इस घटना ने वैश्विक हथियार बाजार में राफेल की प्रतिष्ठा और मजबूत कर दी है.
नाटो के नए सदस्य फिनलैंड ने जून में दो हफ्ते लंबे इस सैन्य अभ्यास की मेजबानी की. इसमें फिनलैंड, फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका की सेनाएं शामिल हुईं.
अमेरिका ने अपने F-35A लाइटनिंग II और F-15E लड़ाकू विमान भेजे, जबकि फ्रांस ने राफेल और यूरोफाइटर टाइफून की तैनाती की. यह अभ्यास नाटो के बीच आपसी सहयोग और युद्धक क्षमताओं की परीक्षा के लिए आयोजित किया गया था.
फ्रांस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें राफेल पायलट को अमेरिकी F-35 पर नजदीकी हवाई लड़ाई (डॉगफाइट) के दौरान इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक (IRST) की मदद से लॉक करते दिखाया गया.
वीडियो में स्पष्ट दिखाई देता है कि राफेल पायलट ने लक्ष्य पर पूरी पकड़ बना ली. प्रशिक्षण अभ्यास में इसे किल स्कोर माना जाता है. यानी वास्तविक मिसाइल दागी नहीं जाती, बल्कि टारगेट पर लॉक कर लेना ही जीत मानी जाती है.
यह पहली बार है जब ट्राइडेंट अटलांटिक 25 अभ्यास से इस तरह की भिड़ंत का खुलासा हुआ है. वीडियो सामने आने के बाद फ्रांस के सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे गर्व का क्षण बताया.
लोगों का कहना था कि चौथी-पांचवीं पीढ़ी के बीच तकनीकी अंतर के बावजूद राफेल ने अपनी युद्धक क्षमता और कौशल से अमेरिकी स्टील्थ फाइटर को पछाड़ दिया.
फ्रांस और अमेरिका दोनों करीबी नाटो सहयोगी हैं, लेकिन हथियारों के निर्यात बाजार में वे प्रतिद्वंद्वी बने रहते हैं. अमेरिका अपने F-35 को पांचवीं पीढ़ी का सबसे उन्नत विमान बताता है, जबकि फ्रांस लगातार राफेल को एक भरोसेमंद विकल्प के रूप में प्रचारित कर रहा है.
इस ताजा घटना से राफेल की मांग और बढ़ सकती है. भारत जैसे देश, जिनकी वायुसेना पहले से ही राफेल का इस्तेमाल कर रही है, इस सफलता को सकारात्मक संकेत मान सकते हैं.
यह पहली बार नहीं है जब फ्रांसीसी लड़ाकू विमानों ने अमेरिकी जेट को मात दी हो. नवंबर 2009 में संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित एक अभ्यास में फ्रांसीसी राफेल ने अमेरिकी F-22 रैप्टर को भी किल स्कोर किया था.
फिनलैंड में हुई इस घटना ने यह साबित कर दिया कि राफेल सिर्फ 4.5वीं पीढ़ी का विमान भर नहीं है, बल्कि अपनी चुस्ती, हथियार प्रणाली और पायलट की दक्षता के दम पर वह अमेरिका जैसे दिग्गज फाइटर जेट्स को भी कड़ी टक्कर दे सकता है. इससे वैश्विक स्तर पर राफेल की स्थिति और मजबूत होने की संभावना है.
🇫🇮 Pour la 1ère fois, l’exercice trilatéral #AtlanticTrident s’est tenu en #Finlande, nouveau membre de l’#Otan depuis 2023.
— Armée de l Air et de l Espace (@Armee_de_lair) August 20, 2025
Objectif : renforcer l’interopérabilité entre les forces aériennes 🇺🇸🇬🇧🇫🇷 face aux défis de la haute intensité.
Pour en savoir + : https://t.co/CXeOZCp7Al pic.twitter.com/5eTq97AQ8v
ब्रह्मोस का जलवा: ऑपरेशन सिंदूर से कराह रहा पाकिस्तान, रनवे के लिए जारी किया नया NOTAM
क्योंकि सास भी कभी बहू थी का आइकॉनिक सीन 25 साल बाद री-क्रिएट, पुरानी यादें हुईं ताज़ा
चंद्रयान-3: विक्रम लैंडर, प्रज्ञान रोवर - 2 साल में क्या हुआ? ISRO मिशन की पूरी टाइमलाइन
पुणे में आवारा कुत्तों का आतंक: सरेआम शख्स पर झुंड का हमला!
एक लाख का इनामी बदमाश शंकर कनौजिया मुठभेड़ में ढेर
क्या बोतल से सस्ता है पाउच वाला बादाम तेल? वायरल वीडियो में खुलासा!
ट्रंप के आलोचक पूर्व NSA जॉन बोल्टन के घर FBI का छापा!
फेरारी जैसी अर्थव्यवस्था अब भी डंपर की हालत में मुनीर के बयान पर राजनाथ का करारा जवाब
राहुल, तेजस्वी से मिलकर नाम कटने का दावा करने वाले अमन का झूठ पकड़ा गया!
कुत्तों को छोड़ो, पहले इन्हें पकड़ो! पुलिस के सामने महिला का डांस, लोगों ने निकाली भड़ास