208750000000 रुपये की दौलत, अंग्रेजों की धरती पर साम्राज्य, कौन थे लॉर्ड स्वराज पॉल?
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भारतीय मूल के दिग्गज उद्योगपति और परोपकारी लॉर्ड स्वराज पॉल का 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमार थे और उन्होंने लंदन में अंतिम सांस ली.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया है. उन्होंने परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि लॉर्ड पॉल ने कारोबार और परोपकार की दुनिया में जो छाप छोड़ी है, वह हमेशा याद रखी जायेगी.

लॉर्ड पॉल ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य थे. उनका जन्म 1931 में पंजाब के जालंधर में हुआ था. उनके परिवार का फाउंड्री का व्यवसाय था.

पॉल ने अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीएससी और एमएससी की डिग्री हासिल की.

1960 के दशक में वह अपनी बेटी अंबिका के कैंसर के इलाज के लिए ब्रिटेन गये और यहीं स्थायी रूप से बस गये.

ब्रिटेन पहुंचने के बाद स्वराज पॉल ने गैस ट्यूब बनाने की एक छोटी कंपनी से अपने कारोबारी सफर की शुरुआत की.

1968 में उन्होंने कैपारो ग्रुप की स्थापना की, जो आगे चलकर स्टील कन्वर्जन और डिस्ट्रीब्यूशन के क्षेत्र में दुनिया की अग्रणी कंपनियों में शामिल हो गई.

इस ग्रुप ने इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग में अपनी खास पहचान बनाई और धीरे-धीरे इसका कारोबार उत्तरी अमेरिका, यूरोप, भारत और मिडिल ईस्ट तक फैल गया. आज कैपारो ग्रुप में 10,000 से अधिक लोग काम करते हैं.

उनकी ज्यादातर संपत्ति कैपारो ग्रुप से जुड़ी रही. लंदन में मुख्यालय होने के बावजूद कंपनी की शाखाएं दुनिया के 40 से अधिक देशों में फैली हुई हैं. वर्तमान में उनके बेटे आकाश पॉल कैपारो इंडिया के चेयरमैन और कंपनी के डायरेक्टर के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.

लॉर्ड स्वराज पॉल को 2025 में संडे टाइम्स रिच लिस्ट में 81वां स्थान मिला था. उस समय उनकी संपत्ति लगभग 2.5 अरब डॉलर आंकी गई थी.

उनके परिवार के पास लंदन के पोर्टलैंड प्लेस इलाके में कई आलीशान फ्लैट्स हैं, जिनकी कीमत लगभग 1.1 मिलियन डॉलर प्रत्येक बतायी जाती है. इसके अलावा उनके पास बकिंघमशायर में स्थित द ग्रेंज नामक कंट्री एस्टेट भी है.

कारोबार के साथ ही स्वराज पॉल परोपकारी में भी काफी सक्रिय रहे. उन्होंने अपनी बेटी की याद में अंबिका पॉल फाउंडेशन की स्थापना की, जिसके जरिये बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण के क्षेत्र में करोड़ों रुपये दान दिये गये.

उन्होंने वूल्वरहैम्पटन यूनिवर्सिटी को करीब 1.1 मिलियन डॉलर दिये, जहां वह 26 साल तक कुलपति रहे. इसके अलावा उन्होंने एमआईटी को 5 मिलियन डॉलर दान किया. वहीं लंदन जू के बच्चों वाले हिस्से को भी उन्होंने अपनी बेटी अंबिका की स्मृति में सहयोग दिया.

कारोबार और पैसों में अपार सफलता हासिल करने वाले लॉर्ड पॉल का निजी जीवन हमेशा दुखों से भरा रहा. वर्ष 2015 में उनके बेटे अंगद पॉल की आठवीं मंजिल से गिरकर मौत हो गई थी. इसके बाद वर्ष 2022 में उनकी पत्नी अरुणा पॉल का भी निधन हो गया. अपनी बेटी अंबिका को उन्होंने बचपन में ही कैंसर से खो दिया था.

लॉर्ड पॉल को 1996 में ब्रिटेन की हाउस ऑफ लॉर्ड्स में आजीवन पीयर बनाया गया. उन्हें 29 जुलाई 1996 को बैरन पॉल ऑफ मेरीलेबोन की उपाधि दी गई. वह लेबर पार्टी से जुड़े रहे और सदन की बहसों में सक्रिय भूमिका निभाते रहे. 2009 में उन्हें हाउस ऑफ लॉर्ड्स का उपसभापति भी नियुक्त किया गया था.

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