महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार इन दिनों राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए हैं। इन दोनों नेताओं का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से कनेक्शन सामने आने के बाद विवाद खड़ा हो गया है।
राज्यसभा सांसद सुनेत्रा पवार हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यक्रम में शामिल हुईं, वहीं डीके शिवकुमार ने विधानसभा में आरएसएस की प्रार्थना की कुछ पंक्तियाँ गाईं। सुनेत्रा के संघ के कार्यक्रम में शामिल होने और शिवकुमार के संघ की प्रार्थना गाने पर हंगामा बरपा हुआ है।
हालांकि, विपक्ष के नेताओं का संघ के कार्यक्रमों में शामिल होना कोई नई बात नहीं है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से लेकर वामपंथी नेताओं तक कई ऐसे उदाहरण मौजूद हैं।
सुनेत्रा पवार दिल्ली में थीं, जब बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने अपने घर पर राष्ट्र सेविका समिति की महिला शाखा का आयोजन किया था। कंगना ने सुनेत्रा को आमंत्रित किया, जिसे उन्होंने स्वीकार किया और कार्यक्रम में शामिल हुईं।
कंगना ने इस कार्यक्रम की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कीं, जिसके बाद सुनेत्रा को विपक्षी दलों की आलोचना का सामना करना पड़ा। एनसीपी नेता रोहित पवार ने अपनी चाची सुनेत्रा पर निशाना साधते हुए कहा कि अजित पवार खुद शिव, शाहू, फुले, आंबेडकर और यशवंतराव चव्हाण का नाम लेते हैं, लेकिन उनके प्रतिनिधि आरएसएस की बैठकों में शामिल हो रहे हैं।
दूसरी ओर, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने राज्य विधानसभा में चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास मची भगदड़ पर चर्चा के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रार्थना नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे की कुछ पंक्तियां गाकर सबको चौंका दिया।
जब बीजेपी विधायक उन पर भगदड़ के दौरान उकसाने का आरोप लगा रहे थे, तब शिवकुमार को यह पंक्तियाँ गाते सुना गया। इस घटना से कांग्रेस खेमे में सन्नाटा छा गया, जबकि विपक्ष ने मेजें थपथपाकर प्रतिक्रिया दी।
साल 2018 में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नागपुर में आरएसएस के तृतीय वर्ष समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। एक लंबे समय तक कांग्रेस से जुड़े रहने के बाद मुखर्जी का आरएसएस के कार्यक्रम में जाना एक महत्वपूर्ण घटना थी। उनके इस कदम पर कांग्रेस के कई नेताओं ने सवाल उठाए थे।
साल 2017 में केरल के सीपीएम विधायक केयू अरुणन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व नेता पीएच शिने की प्रथम-वर्षगांठ कार्यक्रम का उद्घाटन किया था, जिसके बाद पार्टी नेतृत्व ने उन्हें सार्वजनिक रूप से फटकारा था।
प्रणब मुखर्जी के मुद्दे पर हंगामा मचने के बाद आरएसएस ने संघ और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के बीच करीबी को लेकर जानकारी दी थी। आरएसएस के अनुसार, 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध में संघ कार्यकर्ताओं के काम से प्रभावित होकर नेहरू ने 1963 के गणतंत्र दिवस परेड में संघ कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया था। यह भी कहा जाता है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी संघ के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था।
*आज मेरे आवास पर ‘राष्ट्र सेविका समिति’ महिला शाखा का आयोजन हुआ।हम सब मिलकर सनातन मूल्यों, हिन्दू संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना को और प्रखर बनाएंगे।
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) August 20, 2025
हम सबका संकल्प है कि मानव सेवा, राष्ट्र निर्माण और सनातन संस्कृति के संरक्षण के लिए निरंतर कार्य करते रहेंगे।
महिलाओं की जागरूकता और… pic.twitter.com/Cu5PecbELP
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