राहुल गांधी के वोट चोरी आरोप का पर्दाफाश: चुनाव आयोग का फैक्ट चेक, वायरल सुबोध कुमार का निकला राजनीतिक कनेक्शन
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा बिहार में मतदाता सूची से नाम हटाने के आरोपों को चुनाव आयोग ने एक बार फिर खारिज कर दिया है। इस बार मामला सुबोध कुमार नामक एक वायरल वीडियो से जुड़ा था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है।

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि सुबोध कुमार का दावा पूरी तरह बेबुनियाद है। आयोग के अनुसार, सुबोध कुमार कोई आम मतदाता नहीं हैं, बल्कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के बूथ लेवल एजेंट हैं।

राहुल गांधी ने इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए लिखा था, सुबोध कुमार जी के साथ जो हुआ, वैसा ही बिहार में लाखों लोगों के साथ हो रहा है। वोट की चोरी भारत माता पर हमला है, बिहार के लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।

चुनाव आयोग ने तुरंत इस मामले पर विस्तृत स्पष्टीकरण जारी किया। आयोग ने कहा कि सुबोध कुमार का नाम विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) से पहले भी मतदाता सूची में नहीं था, इसलिए उनके नाम के हटाए जाने का सवाल ही नहीं उठता। आयोग ने यह भी बताया कि सुबोध का नाम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार प्रकाशित हटाए गए मतदाताओं की सूची में भी नहीं है।

आयोग के अनुसार, सुबोध ने ड्राफ्ट सूची प्रकाशित होने के बाद न तो फॉर्म-6 के तहत कोई दावा किया और न ही कोई जरूरी घोषणा जमा की। इतना ही नहीं, जब पोलिंग स्टेशन नंबर 10 पर हटाए गए मतदाताओं की सूची सार्वजनिक नोटिस के लिए चस्पा की गई थी, तब सुबोध वहां मौजूद थे, लेकिन उन्होंने कोई आपत्ति नहीं जताई।

नवादा के जिला चुनाव अधिकारी ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट में कहा, यह साफ है कि सुबोध कुमार का एसआईआर 2025 में नाम हटाने का आरोप बेबुनियाद और गलत है। अगर वह भविष्य में फॉर्म-6 और जरूरी घोषणा जमा करते हैं, तो कानून के मुताबिक उनका नाम शामिल कर लिया जाएगा।

चुनाव आयोग ने यह भी साफ किया कि सुबोध कुमार कोई आम मतदाता नहीं बल्कि आरजेडी के बूथ लेवल एजेंट हैं, जो इस तरह के दावों के जरिए भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।

यह पहली बार नहीं है जब चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के वोट चोरी के दावों को गलत ठहराया है। इसी महीने औरंगाबाद में राहुल गांधी ने रंजू देवी नाम की एक महिला का मामला उठाया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि रंजू और उनके परिवार का नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया।

हालांकि, चुनाव आयोग ने इसका जवाब देते हुए रंजू देवी का एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने खुद पुष्टि की कि उनका और उनके परिवार का नाम मतदाता सूची में पूरी तरह सुरक्षित है। रंजू ने यह भी कहा कि कुछ राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने उन्हें गुमराह किया और कहा कि उनका नाम सूची से हट गया है।

चुनाव आयोग ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि मतदाता सूची से नाम हटाने के सभी दावों की गहन जांच की जाती है और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जाता है।

आयोग ने राजनीतिक दलों और नेताओं से अपील की कि वे बिना तथ्यों के भ्रामक दावे न करें, क्योंकि इससे जनता में भ्रम फैलता है। राहुल गांधी के इन लगातार दावों और आयोग की तथ्य-आधारित खंडन से यह साफ है कि बिहार में मतदाता सूची को लेकर उठाए जा रहे सवालों में कितनी सच्चाई है। बिहार की जनता और चुनाव आयोग दोनों ही इस मामले पर पूरी नजर रखे हुए हैं।

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