राहुल गांधी: हलफनामा दो या माफ़ी मांगो, चुनाव आयोग का अल्टीमेटम!
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राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों पर चुनाव आयोग (EC) ने कड़ा रुख अपनाया है। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ने गांधी को सात दिनों के भीतर या तो हलफनामा दाखिल करने या देश से माफी मांगने को कहा है।

CEC ज्ञानेश कुमार ने राहुल गांधी द्वारा लगाए गए निराधार आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने वोट चोरी जैसे शब्दों के इस्तेमाल को लोकतंत्र का अपमान बताते हुए जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है।

7 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। आयोग ने तुरंत उनसे शपथ-पत्र देने को कहा था, लेकिन गांधी ने अभी तक ऐसा नहीं किया है।

CEC ने कहा, या तो हलफनामा दीजिए या देश से माफी मांगिए। कोई तीसरा विकल्प नहीं है। अगर 7 दिनों के भीतर हलफनामा नहीं मिलता है, तो आयोग मानेगा कि सभी आरोप बेबुनियाद हैं।

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के उस दावे को भी खारिज किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि एक वोटर ने कई बार वोट डाला है। CEC ने कहा कि चुनाव आयोग और मतदाता ऐसे झूठे आरोपों से डरते नहीं हैं।

आयोग ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में PPT प्रेजेंटेशन के जरिए जो डेटा दिया था, वह गलत था। CEC ने कहा कि ECI के डेटा का गलत तरीके से विश्लेषण किया गया और मतदाता सूची और चुनाव को दो अलग-अलग मुद्दे के तौर पर पेश किया गया।

मकान नंबर 0 होने के सवाल पर CEC ने स्पष्ट किया कि इसका मतलब फर्जी मतदाता नहीं है। उन्होंने कहा कि कई पंचायत क्षेत्रों में लाखों घर ऐसे हैं जिनके पते में मकान नंबर नहीं है। ऐसे मामलों में मतदाताओं को छोड़ना संभव नहीं है, इसलिए काल्पनिक संख्या 0 दे दी जाती है।

चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में दोहरे नाम और दोहरे मतदान के आरोपों पर भी जवाब दिया। CEC राजीव कुमार ने स्पष्ट किया कि मतदाता सूची में किसी व्यक्ति का नाम एक से अधिक मतदान केंद्रों पर दर्ज होना और एक व्यक्ति का दो जगह मतदान करना, दोनों अलग-अलग बातें हैं।

बिहार में जारी चुनाव आयोग की SIR प्रक्रिया पर भी कई विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं। CEC ने कहा कि राजनीतिक दलों ने मतदाता सूची में दोहराव, गलत तरीके से नाम जोड़ने और हटाने के बारे में लगातार सवाल उठाए थे, इसलिए SIR प्रक्रिया जरूरी हो गई थी।

CEC ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में ही आदेश दिया था कि मशीन रीडेबल सूची मतदाताओं की निजता का उल्लंघन करती है।

राहुल गांधी के आरोपों की जांच बिना उनके शपथ-पत्र के क्यों नहीं हो सकती, इस सवाल पर CEC ने कहा कि चुनाव आयोग इतने गंभीर आरोपों पर बिना शपथ-पत्र के काम नहीं कर सकता है।

अब देखना यह है कि राहुल गांधी चुनाव आयोग के इस अल्टीमेटम पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। क्या वह हलफनामा दाखिल करेंगे या फिर देश से माफी मांगेंगे?

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