वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज से रोजाना लोग आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं। वे अपनी परेशानियां बताते हैं और महाराज उन्हें उपाय सुझाते हैं। नेता, अभिनेता और देश-विदेश की बड़ी हस्तियां भी महाराज के पास आते रहते हैं। आमतौर पर महाराज गंभीर होकर सभी को सलाह और राय देते हैं।
शनिवार को बिहार के जादूगर शंकर सम्राट प्रेमानंद महाराज का आशीर्वाद लेने पहुंचे। जादूगर ने जब अपनी कला महाराज को दिखाई तो वह गदगद हो गए। जब जादूगर ने कागज से पांच सौ का नोट बनाया तो महाराज का मुंह खुला का खुला रह गया। मुंह पर हाथ रखकर महाराज खिलखिलाकर हंस पड़े और कहा, अरे यार यह तो... महाराज इतने गदगद हो गए कि उनकी हंसी रुक ही नहीं रही थी। हैरत वाले अंदाज में उन्होंने यह भी पूछा, ये कैसे किया?
जादूगर ने एक के बाद एक दस से ज्यादा जादू महाराज को दिखाए। हर जादू को देखकर महाराज आश्चर्यचकित भी होते और जोर-जोर से हंसते भी थे। इतने पास से जादू देख रहे महाराज ने यहां तक कहा कि यह तो चमत्कार है ।
महाराज से मिलने के बाद जादूगर ने अपना परिचय देते हुए बताया कि वह देश-विदेश में जादू के प्रोग्राम करते हैं और 30,000 से ज्यादा शो कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि इसमें से 20,000 शो चैरिटी के लिए किए हैं और उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है। उन्होंने कहा कि अब वह महाराज को जादू दिखाना चाहते हैं। इसके बाद दस मिनट में 11 जादू दिखाकर महाराज को गदगद कर दिया।
जादूगर शंकर सम्राट ने सबसे पहले कागज के टुकड़े से पांच सौ का नोट बनाकर दिखाया। उन्होंने महाराज से कहा कि जैसे यह पेपर है, एक मिनट बाद ये पेपर अपना रंग बदलेगा। कभी नीला, कभी पीला, कभी हरा और क्या बन जाएगा। जादूगर ने कागज को हाथ से रगड़ना शुरू कर दिया। कुछ सेकेंड बाद ही पेपर 500 रुपए के नोट में बदल गया। कागज को नोट में बदलते ही महाराज तेजी से हंस पड़े और कहा, ये क्या हुआ। यार ये तो अच्छा है।
कागज से नोट बनाने के बाद जादूगर ने एक अंगूठी ली। कहा कि इस अंगूठी को गौर से देखिएगा। अंगूठी के ऊपर हाथ को घुमाया और वह खुबानी बन गई। इस पर भी महाराज ने खिलखिलाते हुए कहा, ये गजब हो गया। जादूगर ने कहा इसे आप खा लेना। फिर हाथ घुमाया तो वापस अंगूठी आ गई।
जादूगर ने कहा कि वैसे तो वह लोग पब्लिक से बहुत दूर स्टेज पर खड़े होकर जादू दिखाते हैं, लेकिन यहां इतना नजदीक से जादू दिखाना, चीजों को गायब करना, वापस लाना ही उनकी कला है।
इसके बाद जादूगर ने एक अमेरिकी सिक्का वन सेंट अपने हाथ में लिया और कहा कि यह हिप्नोटिज्म है या ट्रिक, इसे देखिएगा। अब एक रुपए का सिक्का और एक सेंट दोनों को अपने हाथ में लिया। सेंट को मुट्ठी के अंदर और सिक्का को मुठ्टी के ऊपर रखा। फिर एक रुपए का सिक्का अपनी जेब में रख लिया। जादूगर ने कहा कि अब ध्यान से देखना, आपके हिसाब से क्या होना चाहिए मुठ्टी में। इस पर महाराज बोले इसमें तो वन सेंट ही होना चाहिए। जादूगर ने अपनी मुट्ठी खोली तो हथेली में एक रुपए का सिक्का और वन सेंट दोनों थे। ये देखते ही महाराज इतना गदगद हुए कि दोनों हाथों से ताली बजाते हुए जोर-जोर से हंसने लगे और बोले, अरे यार ये तो कमाल है।
इसके बाद जादूगर ने सेंट को जेब में रखा और सिक्के को मुट्ठी के ऊपर रखा। महाराज से पूछा कि अब इसमें क्या है। इसमें छोटा सिक्का सेंट होना चाहिए। तब जादूगर ने मुट्ठी खोली। उसमें दोनों सिक्के थे। गजब का जादू देखते ही महाराज फिर ठहाके लगाकर हंसने लगे। जादूगर ने अब एक रुपए का सिक्का जेब में रख लिया। फिर मुट्ठी बंद की। महाराज बोले इसमें तो छोटा सिक्का है। जादूगर ने मुट्ठी खोली तो उसमें सेंट था। इस पर प्रेमानंद महाराज बोले, अरे यार यह तो चमत्कार है।
इसके जादूगर ने 500 के नोट से सौ-सौ के नोट बनाकर दिखाया। इस पर महाराज जोर-जोर से हंसते हुए बोले, यह तो बहुत मजेदार है। यह तो गजब हो गया। इसके बाद अंगूठी को भभूत बनाकर दिखाया।
जादूगर ने इसके बाद अपने मोबाइल फोन से दो जादू दिखाए। मोबाइल की स्क्रीन पर गेंद का कवर लगा था। इसके बाद मोबाइल को हिलाया और गेंद जादूगर के हाथों में आ गई। महाराज इस पर भी हंसते हुए बोले, मोबाइल से ही निकाल लिया। वाह भाई वाह।
इसके बाद वाला जादू तो गजब का रहा। महाराज से जादूगर ने कहा कि एक से लेकर नौ तक कोई भी एक अंक बोलिए। महाराज के शिष्य ने सात बोला। इसके बाद जादूगर ने अपना मोबाइल फोन दिखाते हुए कहा कि मेरी घड़ी देखिए सात मिनट पीछे जाएगी। देखते ही देखते जादूगर की घड़ी में 7:40 से 7:33 दिखाई देने लगा। इसके बाद कहा कि सभी लोग अपना अपना मोबाइल देखिए। आश्चर्यजनक रूप से सभी के मोबाइल फोन में 7:33 होने लगा था। महाराज अब हंसने की जगह बेहद आश्चर्य में पड़ गए। जादूगर से पूछा यह कैसे हुआ? ये तो खुला चमत्कार है। पहले इतने रुपए निकाल लिये। मोबाइल से गेंद निकाल ली। अब ये, गजब है।
इसके बाद जादूगर ने कहा कि महाराज जी लंदन में मैंने घड़ियों का समय बदल दिया था। फिर जादूगर ने वहां मौजूद लोगों से पूछा कोई घड़ी बांधता है। एक व्यक्ति ने अपनी घड़ी दी। उस घड़ी को दिखाते हुए पूछा कि कितना बस रहा है। एक व्यक्ति ने कहा पौने सात बज रहा है। दूसरे को दिखाया तो उसने कहा 7:05 हो रहा है। तीसरे को दिखाया तो उसने बताया 7:20 हो रहा है। फिर हाथ फेरा तो सेकेंड की सूई चलनी बंद हो गई। यह सब देख महाराज बोले कि अरे यह तो सब आपके हाथों का चमत्कार है। इस पर जादूगर ने कहा कि महाराज दी यह कला है। आपका बहुत नाम सुना था। आज आपसे मिलने की इच्छा जाहिर हुई। इसके बाद खाली टोकरी से माला निकालकर महाराज को दी। खाली टोकरी से माला निकलते देख महाराज फिर खुशी से खिलखिला पड़े और कहा राधे-राधे।
जादूगर शंकर सम्राट ने महाराज जी को क्या कला दिखाई ? Bhajan Marg pic.twitter.com/paiDvOz3SM
— Bhajan Marg (@RadhaKeliKunj) August 16, 2025
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