यूक्रेन युद्ध रोकने का फॉर्मूला? ट्रंप और पुतिन की हाई सिक्योरिटी मीटिंग आज, दुनिया भर में रतजगा !
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच कुछ ही घंटों में अलास्का में मुलाकात होने वाली है. इसका मकसद यूक्रेन युद्ध को रोकने का फॉर्मूला तलाशना है. इस मुलाकात पर रूस-अमेरिका समेत पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं.

अलास्का के गवर्नर के अनुसार, राज्य में इतना बड़ा आयोजन पहले कभी नहीं हुआ. इस महत्वपूर्ण मुलाकात के लिए बहुत कम समय में व्यापक तैयारियां की गई हैं.

सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है. डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्क हैं. इस वार्ता में शामिल होने के लिए पुतिन और ट्रंप अपने-अपने सबसे खास रणनीतिकारों के साथ पहुंचे हैं.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्लेन एयरफोर्स वन में हैं और अलास्का की तरफ बढ़ रहे हैं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन रूस के मगादान शहर से करीब 3 हजार किलोमीटर की यात्रा तय करके जल्द ही अलास्का पहुंचने वाले हैं.

पुतिन की टीम आखिरी दौर की रणनीति बना रही होगी. अलास्का के सबसे बड़े शहर एंकरेज में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं. एलमेंडॉर्फ-रिचर्डसन मिलिट्री बेस में रूस और अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने अपने-अपने नेताओं की सुरक्षा तैयारियों को परख लिया है.

अलास्का में मीटिंग के दौरान डुअल सिक्योरिटी सिस्टम होगा. अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा US Secret Service संभालेगी और पुतिन की सुरक्षा रूसी सिक्योरिटी सर्विस संभालेगी जिसमें रूस की कई एजेंसियां शामिल हैं. दोनों नेताओं की सुरक्षा लेयर अलग-अलग रहेंगी.

पुतिन के करीब रूसी गार्ड रहेंगे. आउटर लेयर में सुरक्षा की कमान अमेरिकी एजेंट संभालेंगे. कोई भी टीम दूसरी टीम के वाहनों या उनके दरवाजों तक को नहीं छुएगी.

सुरक्षा के लिहाज से पुतिन और ट्रंप दोनों के लिए बराबरी के नियम लागू होंगे. जितनी सुविधाएं और सुरक्षा एक नेता को मिलेगी, उतनी ही दूसरी तरफ भी देनी होगी.

डोनाल्ड ट्रंप के साथ 5 अमेरिकी एजेंट हथियारों के साथ मौजूद रहेंगे, तो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ भी उसी वक्त 5 रूसी एजेंट वैसे ही हथियारों के साथ मौजूद रहेंगे. मीटिंग रूम के बाहर 10 अमेरिकी एजेंट खड़े होंगे, तो उनके ठीक सामने 10 रूसी एजेंट भी खड़े होंगे.

पुतिन चार गाड़ियों के काफिले के साथ पहुंचेंगे, तो डोनाल्ड ट्रंप का काफिला भी उतना ही बड़ा होगा. ट्रांसलेटर की संख्या भी एक जैसी होगी. पुतिन के साथ दो ट्रांसलेटर होंगे, तो ट्रंप के साथ भी इनकी संख्या सिर्फ दो ही रह सकती है.

अलास्का में मीटिंग तय होने के बाद, रूस ने सबसे पहले पुतिन की सुरक्षा को लेकर ही बातचीत की और आश्वस्त होने के बाद ही अलास्का में मिलने की बात तय हुई.

पुतिन की आर्मर्ड लिमोजिन, जिसे ऑरस सेनट कहा जाता है, रूसी कार्गो विमान से पहले ही बेस पर पहुंच गई है और थोड़ी देर बाद इसी लिमोज़ीन से पुतिन वार्ता स्थल पर पहुंचेंगे. मीटिंग में इस्तेमाल होने वाली पानी की बोतल और कप भी पुतिन की टीम ने सील कर लिए हैं.

पुतिन की सिक्योरिटी में शामिल बॉडीगार्ड्स एक खास सूटकेस लेकर आए हैं, जिसे पू सूटकेस कहा जाता है. इस सूटकेस में पुतिन की यूरीन कलेक्ट की जाएगी और उसे मास्को ले जाया जाएगा. पुतिन का कोई भी अवशेष अमेरिका में नहीं छूटेगा. वह चाहते हैं कि इसके जरिए उनका DNA या किसी प्रकार की बीमारी की जानकारी अमेरिका को ना मिले.

मिलिट्री बेस में अमेरिका के सबसे घातक फाइटर प्लेन F-22 रैप्टर और यूएस आर्मी के लगभग 32 हजार सैनिक तैनात हैं. अलास्का से सिर्फ 88 किलोमीटर दूर आनादिर में रूसी फाइटर जेट SU 57 भी तैनात किए गए हैं और मीटिंग के दौरान ये फाइटर जेट पेट्रोलिंग करते रहेंगे.

अमेरिका की कीहोल रीकॉन सैटेलाइट्स KH-11 एक्टिव हो चुकी है. इसका उपयोग ट्रम्प की सुरक्षा के दौरान नज़दीकी निगरानी के लिए किया जाएगा, ताकि हर स्थिति को अमेरिकी एजेंसियां सही तरीके से मॉनिटर कर सकें और ट्रंप को किसी संभावित हमले से बचाया जा सके.

साइबर सुरक्षा के लिए इस मिलिट्री बेस का पूरा नेटवर्क एयर-गैप्ड यानि इंटरनेट से कट कर दिया गया है.

मीटिंग तय होने के फौरन बाद अलास्का के शहर ऐन्करेज के एक रियल-एस्टेट एजेंट के पास पहले अमेरिका की सीक्रेट सर्विस ने फोन किया. इसके थोड़ी देर बाद रूसी कॉन्सुलेट ने उससे संपर्क किया, क्योंकि रूस और अमेरिका दोनों को अपने-अपने सुरक्षा दल और अधिकारियों के लिए घर चाहिए थे. खाली घरों और गाड़ियों की तलाश करना भी काफी मुश्किल साबित हुआ, जिसके बाद गाड़ियों को अमेरिका के दूसरे राज्यों से मंगवाया गया.

रूस के हथियार, कम्युनिकेशन उपकरण, और मेडिकल गियर बिना किसी रोक-टोक के सीधे अलास्का पहुंचाए गए.

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