पति के हत्यारों को धन्यवाद कहना पूजा पाल को पड़ा भारी, सपा ने दिखाया बाहर का रास्ता
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इलाहाबाद: समाजवादी पार्टी (सपा) ने विधायक पूजा पाल को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। वजह है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करना। पूजा पाल ने अपने पति के हत्यारों, अतीक अहमद और अशरफ को मारने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद कहा था, जो अखिलेश यादव को रास नहीं आया।

उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले की चायल विधानसभा सीट से पूजा पाल विधायक थीं। उन्होंने यूपी विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने उनके पति के हत्यारों को सजा दिलाई, जिससे उन्हें वर्षों बाद न्याय मिला।

पूजा पाल का इशारा माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की ओर था, जिन पर उनके पति राजू पाल की हत्या का आरोप था। राजू पाल बसपा के विधायक थे।

पूजा पाल के इस बयान से सपा में बवाल मच गया। अखिलेश यादव ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पूजा को पहले ही बीजेपी से टिकट पक्का करा लेना चाहिए था। इसके कुछ ही घंटों बाद सपा ने कड़ा फैसला लिया और पूजा पाल को अनुशासनहीनता का दोषी ठहराते हुए पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिया।

निष्कासन के बाद पूजा पाल ने कहा कि प्रयागराज में जितने भी लोग अतीक अहमद से परेशान थे, मुख्यमंत्री ने उन सभी को न्याय दिया है। उन्होंने कहा, मैं विधायक बाद में बनी, लेकिन पहले एक पीड़ित महिला हूँ, एक पत्नी हूँ।

राजू पाल का कत्ल 2004 में हुआ था, जब अतीक अहमद ने अपनी इलाहाबाद पश्चिम की विधानसभा सीट खाली कर दी थी। उपचुनाव में राजू पाल ने अतीक के भाई अशरफ को हराया था, जिससे अतीक और अशरफ को बहुत बुरा लगा था।

विधायक बनने और पूजा पाल से शादी करने के 9 दिन बाद, 16 जनवरी 2005 को राजू पाल की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। 25 हमलावरों ने राजू पाल पर ताबड़तोड़ गोलियाँ बरसाईं, जिससे वे 19 गोलियाँ लगने से मारे गए। हमलावरों ने राजू पाल का पीछा करते हुए 5 किलोमीटर तक दौड़ाकर उन्हें मारा था।

राजू पाल की हत्या के बाद उनकी पत्नी पूजा पाल ने न्याय दिलाने की लड़ाई शुरू की। इस मामले में उमेश पाल एक अहम गवाह थे, जिन पर अतीक अहमद के गुर्गों ने कई बार हमला किया था।

24 फरवरी 2023 को प्रयागराज में उमेश पाल की भी गोली मारकर और बम फेंककर हत्या कर दी गई। इस हमले का आरोप भी अतीक अहमद और उसके बेटे असद पर लगा।

उमेश पाल की हत्या के बाद यूपी सरकार और पुलिस हरकत में आ गई और तेजी से कार्रवाई शुरू हुई। अतीक अहमद का बेटा असद और उसका साथी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए। इसके दो दिन बाद, अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ भी पुलिस हिरासत में मारे गए।

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद, पूजा पाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति की जमकर तारीफ की थी।

सपा ने पूजा पाल पर पार्टी विरोधी गतिविधियाँ का आरोप लगाते हुए उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया। पार्टी की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि उन्होंने राज्यसभा चुनाव में भी भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी।

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