मुनीर के जाल में फंसे ट्रंप, बलोच काटेंगे पंख ! बलोचिस्तान में ट्रंप के ख्वाब के चीथड़े-चीथड़े !
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ट्रंप की रणनीति भारत का कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी। जापान के नागासाकी और हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराने वाले देश अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति ट्रंप आजकल दुनिया भर में टैरिफ बम गिरा रहे हैं। उनके फैसले दुनिया में उथल-पुथल मचा रहे हैं।

ट्रंप रोजाना उनकी शर्तों को नहीं मानने वाले देशों को बुरी खबर दे रहे हैं। लेकिन जो मुल्क अमेरिका के सामने सरेंडर कर देता है, उसे ट्रंप से अच्छी खबर भी मिलती है। भारत पर 25 परसेंट टैरिफ लगाकर पाकिस्तान से ऑयल डील की खबर भी इसी फॉर्मूले का हिस्सा थी।

लेकिन दुनिया के देशों को बुरी खबर देने वाले ट्रंप को झटका देने वाली तीन खबरें आई हैं। और ये तीनों खबरें अलग-अलग देशों से हैं। ट्रंप को लगे झटकों के बारे में जानना चाहिए, जिससे वो टेंशन में होंगे और उन्हें अपने टैरिफ पर किए गए फैसलों पर अफसोस भी हो रहा होगा।

ट्रंप को पहली बुरी खबर दिल्ली से मिली। उन्होंने भारत पर 25 परसेंट का टैरिफ लगाया था। ट्रंप चाहते थे कि भारत अमेरिका से पांचवी पीढ़ी का लड़ाकू विमान एफ-35 खरीदे, लेकिन खबर आ गई कि भारत का एफ-35 खरीदने का कोई विचार नहीं है।

ट्रंप को दूसरा झटका बलोचिस्तान से लगा, जहां बलोचों ने साफ कर दिया कि मुनीर ने ट्रंप को धोखा दिया है और पाकिस्तान से तेल निकालने का सपना देखना ट्रंप छोड़ दें।

ट्रंप को तीसरी बुरी खबर मॉस्को से मिली है, जहां से बयान आ गया कि ट्रंप जितना चाहें बौखला लें, रूस पर उनका कोई जोर नहीं चलने वाला।

अमेरिका ने टैरिफ के मामले में पाकिस्तान पर प्यार बरसाया है। ट्रंप ने अप्रैल में भारत पर 26% टैरिफ लगाने का एलान किया था और 1 अगस्त से भारत पर 25% टैरिफ लगा दिया। यानी सिर्फ 1 परसेंट छूट दी।

ट्रंप ने अप्रैल में पाकिस्तान पर 29% टैरिफ लगाने की बात कही थी। नए आदेश में ट्रंप ने पाकिस्तान पर सिर्फ 19 परसेंट टैरिफ लगाया है। यानी पाकिस्तान को 10% की बड़ी छूट दी है। इसके अलावा ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ ऑयल डील की भी कर ली और भारत को चिढ़ाने की कोशिश भी की है।

दक्षिण एशिया में ट्रंप ने सबसे ज्यादा प्यार पाकिस्तान पर ही लुटाया है। बांग्लादेश पर भी ट्रंप ने भारत से कम लेकिन पाकिस्तान से ज्यादा 20 परसेंट टैरिफ लगाया है।

भारत ने अमेरिका को बड़ा झटका देते हुए अमेरिका से पांचवी पीढ़ी के एफ-35 फाइटर जेट खरीदने की डील ठंडे बस्ते में डाल दी है। अमेरिकी मीडिया में भी ये खबरें चल रही हैं। अमेरिकी मीडिया की ओर से भी कहा जा रहा है कि भारत को एफ-35 खरीदने में कोई रुचि नहीं है।

इसे भारत की जवाबी कार्रवाई कहा जा रहा है। रक्षा सौदों में अब भारत की प्राथमिकता स्वदेशी डिजाइन और निर्माण पर टिकी है। भारत पांचवी पीढ़ी के स्वदेशी फाइटर जेट एम्का के निर्माण में तेजी लाने की तैयारी में है।

रिपोर्ट में बताया गया कि भारत ऐसे रक्षा मॉडल की तलाश में है, जिसमें 5th पीढ़ी का विमान भारत में तैयार हो और भारत को तकनीक भी सौंपी जाए। रूस भारत को पहले ही पांचवी पीढ़ी के Su-57 पर ये ऑफर दे चुका है। यानी जरूरत हुई तो भारत अमेरिका की जगह अब रूस को तरजीह देगा।

भारत का एफ-35 से किनारा करना अमेरिका के लिए बड़ा नुकसान है। अमेरिकी कंपनी ने एक बहुत बड़ा सौदा अपने हाथों से खो दिया है और विशेषज्ञ भी इसे भारत की जवाबी कार्रवाई बता रहे हैं।

अगर अमेरिका, भारत को एफ-35 बेच देता तो अमेरिकी कंपनी कई दशकों तक स्पेयर पार्ट और रख रखाव को लेकर कमाई करती।

पाकिस्तान पर प्यार लुटाने वाले ट्रंप के साथ सिर्फ F-35 पर नहीं तेल पर भी खेल हो गया है। अमेरिका को हर जगह तेल नजर आता है। अब पाकिस्तान से ट्रंप को चेतावनी दी गई है कि उनको पाकिस्तान में जहां पर तेल होने की जानकारी दी गई है वो पूरी तरह निराधार है।

पाकिस्तान से तेल निकालने की राह में डॉनल्ड ट्रंप को सिर्फ धोखे मिलेंगे। बहुत परेशानी मिलेगी। क्या ट्रंप को पाकिस्तान में तेल के नाम पर फंसाने का प्लान बनाया गया है?

डॉ. ट्रंप की पाकिस्तान के साथ डील से बलोचिस्तान के राष्ट्रवादी नेता भड़क गए हैं। बलोचों ने अब सीधे ट्रंप को चेतावनी दे दी है।

बलोचिस्तान के नेता मीर यार बलोच ने कहा है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने अमेरिका को गलत जानकारी दी। यानी पाकिस्तान अमेरिका से डबल क्रॉस कर रहा है।

बलोच नेता ने बताया कि तेल के जखीरे पाकिस्तान के पंजाब और सिंध में नहीं बल्कि बलोचिस्तान में है। बलोचिस्तान में गैस, कॉपर, लिथियम, यूरेनीयम और दुर्लभ खनीज भंडार मौजूद हैं। पाकिस्तान, US के जरिए इनका दोहन करना चाहता है।

बलोच नेता ने साफ किया है कि बलोच इन संसाधनों के शोषण का अधिकार पाकिस्तान, चीन या किसी और विदेशी ताकत को नहीं देंगे। चीन की तरह अमेरिका भी बलोचिस्तान में एंट्री नहीं कर पाएगा।

बलोचिस्तान के नेता ने ट्रंप को नसीहत दी है कि उन्हें बलूचिस्तान के संसाधनों के शोषण का विरोध करना चाहिए। यानी पाकिस्तान को बलोचिस्तान से दूर करना चाहिए। बलोचिस्तान ने अपने संसाधनों की रक्षा के लिए सशस्त्र संघर्ष करने की बात भी कही है।

बलोचिस्तान के लोग, अमेरिका हो या चीन सबके खिलाफ हमले जारी रखेंगे। बलोचिस्तान ने चीन की नाक में दम कर रखा है, पाकिस्तान की आर्मी तक की कमर तोड़ दी है। वो अमेरिकी कंपनियों को भी कोई मोहलत नहीं देगी।

ट्रंप की तेल डील पर विशेषज्ञ इसलिए भी हैरानी जाहिर कर रहे हैं, क्योंकि इससे पहले भी ट्रंप पाकिस्तान से तेल निकालने की कोशिश में बड़ा नुकसान कर चुके हैं।

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