रात भर पिटाई, रीढ़ की हड्डी टूटी, 24 दिन भूखी: साध्वी प्रज्ञा ने बताईं कांग्रेस राज में मिली यातनाएं
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मालेगांव ब्लास्ट 2008 मामले में एनआईए की विशेष अदालत द्वारा बरी किए जाने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने अपनी आप बीती सुनाई। उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें 17 वर्षों तक प्रताड़ित किया गया, जो उनके मन को हमेशा कचोटता रहेगा।

कोर्ट के निर्णय के बाद साध्वी प्रज्ञा ने जज के सामने कहा, मुझे बिना किसी आधार के जाँच के लिए बुलाया गया और गिरफ्तार कर प्रताड़ित किया गया। मेरा पूरा जीवन बर्बाद हो गया। मैं एक साधु का जीवन जी रही थी, पर मुझे फँसाकर झूठे आरोप लगाए गए। कोई भी हमारे साथ खड़ा होने को तैयार नहीं था।

उन्होंने आगे कहा, मैं जिंदा हूँ क्योंकि मैं एक संन्यासी हूँ। एक साजिश के तहत भगवा को बदनाम किया गया। आज भगवा की जीत हुई है, हिंदुत्व की जीत हुई है और ईश्वर उन आरोपितों को दंड देगा जिन्होंने भारत और भगवा को बदनाम किया।

29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगाँव में भिक्खू चौक मस्जिद के पास हुए धमाके में 6 लोग मारे गए थे और 100 से अधिक घायल हुए थे। इस मामले में साध्वी प्रज्ञा समेत 7 लोगों पर UAPA, आतंकवाद, आर्म्स एक्ट और IPC की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। 17 वर्षों तक मुकदमा चला, 323 गवाह पेश किए गए, जिनमें से 37 अपने बयान से मुकर गए।

साध्वी प्रज्ञा को 23 अक्टूबर 2008 को एटीएस ने गिरफ्तार किया था। आरोप था कि विस्फोट में इस्तेमाल की गई एलएमएल फ्रीडम मोटरसाइकिल उनके नाम पर रजिस्टर्ड थी, हालांकि रजिस्ट्रेशन नंबर फर्जी पाया गया था। महाराष्ट्र एटीएस ने दावा किया था कि उस मोटरसाइकिल का इस्तेमाल विस्फोटक लगाने के लिए किया गया था।

साध्वी प्रज्ञा ने 2020 में एक साक्षात्कार में बताया कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के सामने 3-4 पुलिसकर्मियों ने उन्हें बुरी तरह प्रताड़ित किया था। उन्हें हिरासत में लेकर पूरी रात बेल्ट से पीटा गया, जिससे उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई। उन्हें वेंटिलेटर पर जाना पड़ा।

उन्होंने बताया कि हिरासत के दौरान उन्हें पुरुष कैदियों के साथ रखकर पॉर्न वीडियो दिखाया जाता था और उनसे भद्दे सवाल किए जाते थे। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सारा षड्यंत्र कांग्रेस का था।

साध्वी प्रज्ञा ने बताया कि उन्हें चमड़े की बेल्ट से पीटा जाता था, 24 दिनों तक भूखा रखा गया, और बिजली के झटके दिए जाते थे। उन्हें लगातार पीटने के लिए 5-6 पुलिस वाले लगाए जाते थे। उनके पैर के तलवे तक में बेल्ट से पीटा गया, जिससे उनका पूरा नर्वस सिस्टम सुन्न पड़ जाता था। उन्हें उल्टा लटकाकर मारा जाता था और हाथों को गर्म पानी में नमक डालकर डुबोया जाता था। जख्मों पर नमक छिड़का जाता था। उन्हें निर्वस्त्र किए जाने की धमकी दी जाती थी और भोजन में उन्हें अंडा खाने के लिए मजबूर किया जाता था, जबकि वे शाकाहारी हैं।

साध्वी प्रज्ञा को मिली प्रताड़नाओं से उनके पूरे शरीर में सूजन आ गई थी। कई हिस्सों में पस पड़ गया था। आज भी वह कई शारीरिक परेशानियों से जूझ रही हैं। उन्हें कैंसर और न्यूरो की बीमारी तक हो गई।

अपनी प्रताड़ना के बारे में बताते हुए साध्वी प्रज्ञा कोर्ट में रो पड़ी थीं। साध्वी प्रज्ञा समेत सभी आरोपितों के बरी होने पर उन्होंने कहा कि षडयंत्र के तहत भगवा को बदनाम किया गया, आज हिंदुत्व की जीत हुई है।

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