पहलगाम हमले के गुनहगारों को भारतीय सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया है. इस कार्रवाई को ऑपरेशन महादेव का नाम दिया गया. कुछ नेता इस ऑपरेशन पर सवाल उठा रहे हैं. पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने भी सवाल उठाए हैं. सरकार ने ऑपरेशन महादेव और सेना के शौर्य पर सवाल उठाने वालों को सबूत के साथ चुप करा दिया है.
सुरक्षाबलों ने पहलगाम आतंकी हमले में शामिल तीन आतंकियों को मार गिराया. ये आतंकी सुलेमान उर्फ आसिफ, जिब्रान और हमजा अफगानी थे. सुरक्षाबलों ने 20 किलोमीटर एरिया में फैले घने जंगल में ऑपरेशन चलाया. सेना ने जहां आतंकियों का एनकाउंटर किया, वो इलाका श्रीनगर से करीब 22 किलोमीटर दूर घना जंगल वाला है. दाचीगाम का एक छोर त्राल के जंगल से जुड़ा है और दूसरा छोर पहलगाम से. सुरक्षाबलों को इस इलाके में आतंकियों के खुफिया ठिकाने की जानकारी मिली थी.
दो महीने पहले सुरक्षाबलों को एक सिग्नल मिला था. ये सिग्नल अल्ट्रासेट कम्युनिकेशन डिवाइस का था. 22 अप्रैल को पहलगाम की बायसरन घाटी में भी इसी तरह का सिग्नल मिला था. आतंकी अल्ट्रासेट सैटेलाइट से ही एक दूसरे से कॉन्ट्रैक्ट करते हैं. अल्ट्रासेट सैटेलाइट चीन की कंपनी हुवावे बनाती है. इससे लोकेशन ट्रेसिंग को मिसलीड किया जा सकता है.
पहला सिग्नल मिलते ही ऑपरेशन महादेव शुरू किया गया. आतंकियों ने बारिश से बचने के लिए घने जंगल में तिरपाल लगा लिया था. चीन के अल्ट्रा सेट और तिरपाल से आतंकियों की लोकेशन ट्रेस करना आसान हो गया.
27 जुलाई की रात 2 बजे आतंकियों ने अल्ट्रासेट सैटेलाइट फोन को एक्टिवेट किया था. 28 जुलाई को सुबह 8 बजे आतंकियों की लोकेशन ट्रेस करने के लिए सेना ने एक ड्रोन लॉन्च किया. सेना ने पूरे इलाके की घेराबंदी की. सुबह 10 बजे पैरा कमांडो महादेव पहाड़ी पर चढ़े. सुबह 11 बजे एनकाउंटर शुरू हुआ और 1 घंटे में ही तीनों आतंकियों को मार गिराया गया.
गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि आतंकियों को कैसे महीनों की तैयारी के बाद ऑपरेशन महादेव चलाकर ढेर किया गया. मई से जुलाई तक सूचना पक्की करने के प्रयास हुए. 22 मई को सिग्नल मिल गए थे. सुरक्षाबलों ने इन्हें घेरने का काम किया. निर्दोष लोगों को मारने वाले आखिरकार मारे गए.
आतंकियों के शव श्रीनगर लाए गए और उनकी पहचान कराई गई. घटनास्थल से मिले कारतूस का FSL कराया गया. आतंकियों के पास एक अमेरिकन और दो AK-47 राइफलें मिलीं, कारतूस भी मिले. इन्हें चंडीगढ़ भेजा गया. मिलान होने पर तय हो गया कि इन्हीं राइफलों से पहलगाम हमले को अंजाम दिया गया था. सबूत है कि तीनों पाकिस्तानी थे. दो के तो पाकिस्तान के वोटर होने की बात मौजूद है. इनके पास जो चॉकलेट मिलीं, वो भी पाकिस्तान मेड हैं.
आतंकियों के खिलाफ चलाए गए इस अभियान का नाम ऑपरेशन महादेव था. जहां आतंकियों को मार गिराया गया उस क्षेत्र को महादेव शिखर और महादेव गली के नाम से जाना जाता है. ये इलाका जबरवान पर्वतमाला में स्थित है. 13,011 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह क्षेत्र श्रीनगर की सबसे ऊंची चोटी है. महादेव शिखर को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है. मान्यता है कि यहीं भगवान शिव ने देवी पार्वती को अमर कथा सुनाई थी. भगवान शिव से जुड़े इस पर्वत श्रृंखला के नाम पर ही आतंक विरोधी अभियान का नाम ऑपरेशन महादेव रखा गया था.
आज पप्पू यादव और सेना के शौर्य पर सवाल उठाने वाले दूसरे नेताओं को सबूत के साथ जवाब मिल गया है.
*#DNA | ऑपरेशन महादेव पर सबूत के साथ शंका का समाधान, आतंकियों तक कैसे पहुंची सेना?#OperationSindoor #OperationMahadev #IndianArmy #Debate #Parliament@pratyushkkhare pic.twitter.com/xfmXA85P1M
— Zee News (@ZeeNews) July 29, 2025
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