कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने लोकसभा में पहलगाम आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने 26 निर्दोष नागरिकों को भगवान भरोसे छोड़ दिया था।
प्रियंका गांधी ने देश के जवानों को नमन करते हुए कहा कि वे रेगिस्तान, घने जंगलों और बर्फीली पहाड़ियों में देश की रक्षा में तत्पर हैं और देश के लिए प्राण देने को तैयार हैं। उन्होंने 1948 से लेकर अब तक कश्मीर की रक्षा में जवानों के योगदान को सराहा।
उन्होंने रक्षा मंत्री के एक घंटे के भाषण पर सवाल उठाते हुए कहा कि 22 अप्रैल 2025 को 26 लोगों की हत्या कैसे और क्यों हुई, इसका जवाब नहीं दिया गया।
प्रियंका गांधी ने पूछा कि देश के नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है? क्या यह प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और एनएसए की जिम्मेदारी नहीं है?
पहलगाम हमले में शहीद हुए शुभम द्विवेदी की पत्नी के बयान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि महिला ने वहां सुरक्षा के अभाव की बात कही थी और सरकार पर अनाथ छोड़ने का आरोप लगाया था। प्रियंका गांधी ने सवाल किया कि वहां सुरक्षा क्यों नहीं थी और एक भी जवान क्यों नहीं था?
प्रियंका गांधी ने सरकार से सवाल किया कि जब वह कश्मीर में आतंकवाद कम होने का दावा कर रही थी, तब यह हमला कैसे हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार इतिहास की बात करती है, जबकि वह वर्तमान की बात करेंगी।
गृह मंत्री के पाकिस्तान को शरण देने के बयान पर प्रियंका गांधी ने सवाल उठाया कि उन्हें शरण क्यों दी गई? उन्होंने पूछा कि आतंकी देश में आकर लोगों को मार डालते हैं और सरकार उन्हें शरण दे रही है। इस सवाल का जवाब किसी भी भाषण में क्यों नहीं दिया गया?
उन्होंने कहा कि जैसे ही शरण की बात उठी, गृह मंत्री इतिहास में चले गए और नेहरू जी, इंदिरा जी से लेकर उनकी मां के आंसुओं तक पहुंच गए, लेकिन सीजफायर क्यों हुआ और जंग क्यों रुकी, इसका जवाब नहीं दिया।
प्रियंका गांधी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत में पूरा देश एकजुट था। प्रधानमंत्री ने श्रेय लिया, लेकिन सिर्फ श्रेय लेने से जिम्मेदारी पूरी नहीं होती। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार जंग होते-होते रुकी और इसका ऐलान भारतीय सेना या सरकार ने नहीं, बल्कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने किया। उन्होंने इंदिरा गांधी द्वारा पाकिस्तान का विभाजन करने के उदाहरण का भी उल्लेख किया।
पहलगाम हमले में शहीद हुए शुभम द्विवेदी की पत्नी ने कहा-
— Congress (@INCIndia) July 29, 2025
मैंने अपनी दुनिया को अपनी आंखों के सामने खत्म होते देखा, वहां एक सिक्योरिटी गार्ड नहीं था। मैं ये कह सकती हूं कि सरकार ने हमें वहां अनाथ छोड़ दिया था।
सवाल है कि वहां सिक्योरिटी क्यों नहीं थी, एक भी जवान क्यों नहीं… pic.twitter.com/4bZAwHFCqM
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