लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने एक बड़ा सियासी कदम उठाते हुए वैशाली जिले की महुआ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। राजद से निष्कासित होने के बाद, टीम तेज प्रताप बनाकर उन्होंने यह घोषणा की है, जिसके बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।
तेजप्रताप ने पीली टोपी पहनकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया, जबकि पहले वे राजद की हरी टोपी पहनते थे। फिलहाल इस सीट से आरजेडी के मुकेश रौशन विधायक हैं। तेजप्रताप पहले भी महुआ से अपने जुड़ाव की बात करते हुए इस सीट पर दावा ठोक चुके हैं।
इस घोषणा के बाद कई सवाल उठ रहे हैं: क्या तेजप्रताप आरजेडी पर भारी पड़ेंगे? चुनाव पर इसका कितना असर होगा? आरजेडी की रणनीति पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?
पार्टी से निष्कासन के बाद तेजप्रताप ने महुआ सीट पर अपना दावा बरकरार रखा है। वे मुस्लिम-यादव (MY) मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ और पुराने संबंधों का हवाला दे रहे हैं। 2015 में वे महुआ से विधायक और मंत्री रह चुके हैं, जिसके आधार पर वे स्थानीय कार्यकर्ताओं और मतदाताओं से जुड़ाव महसूस करते हैं।
तेजप्रताप के निर्दलीय लड़ने से आरजेडी का वोट बैंक बंट सकता है। हाल ही में परिवार और पार्टी से निकाले जाने के बाद उनके प्रति सहानुभूति की लहर भी पैदा हो सकती है। टीम तेज प्रताप के युवा समर्थक भी वोट बैंक को प्रभावित करेंगे।
अगर तेजप्रताप चुनाव नहीं भी जीतते हैं, लेकिन ठीक-ठाक वोट हासिल करते हैं, तो आरजेडी के उम्मीदवार की हार की संभावना बढ़ जाएगी, जिससे बीजेपी या एनडीए को अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। सीधी टक्कर में तेजप्रताप आरजेडी को ही सबसे अधिक नुकसान पहुंचाएंगे, क्योंकि अधिकांश वोट शेयर समान है।
तेजस्वी यादव की अगुवाई वाली आरजेडी का वोट बैंक दो हिस्सों में बंट सकता है। हालांकि आरजेडी के पास तेजस्वी, परिवार, संगठन और अन्य जातीय समीकरण का फायदा है, लेकिन अगर तेजप्रताप महुआ में मजबूत रहते हैं तो पार्टी के लिए बहुत बड़ी चुनौती खड़ी हो जाएगी। उनकी टीम तेज प्रताप यादव ने नई युवा ब्रांडिंग के साथ हलचल पैदा कर दी है, जिससे स्थानीय जनसमर्थन बढ़ सकता है।
आरजेडी तेजप्रताप के भावनात्मक और दलबदलू नैरेटिव को काउंटर करने के लिए स्थानीय नेताओं की तैनाती और संगठनात्मक मजबूती पर फोकस करेगी। पार्टी, सामाजिक न्याय, तेजस्वी की युवा छवि और महागठबंधन के मुद्दों को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है। हालांकि, महुआ सीट पर पार्टी उम्मीदवार की जीत अब पहले से कहीं अधिक मुश्किल हो जाएगी।
तेजप्रताप यादव का निर्दलीय चुनाव लड़ना न सिर्फ महुआ में आरजेडी की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है, बल्कि पार्टी के अंदरूनी समीकरण, तेजस्वी यादव की नेतृत्व क्षमता और महागठबंधन की रणनीति पर भी बड़ा असर डाल सकता है।
*आज मेरे पटना स्थित आवास पर टीम तेज प्रताप यादव की एक दिवसीय बैठक सम्पन्न हुआ। जिसमें हमारे साथी मदन यादव जी के साथ हज़ारों की संख्या में आये हुए युवा, महिला और बुजुर्गों ने टीम तेज प्रताप यादव को जॉइन किया।
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) July 26, 2025
मैं सभी साथियों को टीम तेज प्रताप यादव से जुड़ने पर हार्दिक स्वागत एवं… pic.twitter.com/jQrOd3RvuJ
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