राजस्थान: स्कूल हादसा बना आक्रोश का कारण, पुलिस गाड़ियों में तोड़फोड़, आगजनी
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झालावाड़ जिले के पीपलोदी गांव में स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई है, जबकि 34 बच्चे अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. इस हृदयविदारक घटना के बाद गांव में आक्रोश फूट पड़ा.

घटना की सूचना मिलते ही आला अधिकारी मौके पर पहुंचे, लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा देखकर वे भी हतप्रभ रह गए. आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ की और सड़कों पर आगजनी कर अपना विरोध जताया. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा.

हादसे के बाद तत्काल कार्रवाई करते हुए स्कूल के 5 शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है. राज्य के शिक्षा मंत्री ने मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल की इमारत जर्जर हालत में थी, लेकिन प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया.

हालांकि, जिला शिक्षा अधिकारी ने ग्रामीणों के आरोपों को नकारते हुए बारिश के पानी को हादसे का कारण बताया है. उनका कहना है कि बारिश के कारण इमारत के पीछे खेत में पानी जमा हो गया था और वह पानी दीवार में रिसने के कारण छत गिर गई. अधिकारी का यह भी कहना है कि प्रिंसिपल को पहले ही उस कमरे में बच्चों को न पढ़ाने के निर्देश दिए गए थे.

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हादसे से पहले छात्रों ने शिक्षकों को इमारत में कुछ गड़बड़ होने की जानकारी दी थी, लेकिन नाश्ता कर रहे शिक्षकों ने उनकी बात को अनसुना कर दिया और उन्हें कक्षाओं में जाने के लिए कह दिया.

हादसे में बाल-बाल बची एक छात्रा ने बताया कि वे दरवाजे के पास बैठी थीं जब अचानक बजरी के कुछ टुकड़े गिरने लगे. कुछ ही देर में बगल वाली कक्षा भी ढह गई. दरवाजे के पास होने के कारण वे तुरंत भागने में सफल रहीं.

गांव के सरपंच ने आरोप लगाया कि छत गिरने की खबर मिलते ही वह अपनी जेसीबी लेकर मौके पर पहुंचे और मलबे से 13 छात्रों को निकाला, जिनमें से 7 की मौत हो चुकी थी. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मौके पर कोई एंबुलेंस नहीं पहुंची, जिसके कारण घायलों को दोपहिया वाहनों से अस्पताल ले जाना पड़ा.

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस दुखद घटना पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शोक व्यक्त किया और एक उच्च स्तरीय बैठक की. बैठक में उन्होंने विभागीय अधिकारियों और सभी जिला कलेक्टरों को सरकारी भवनों, विशेष रूप से स्कूलों, आंगनबाड़ियों, अस्पतालों और अन्य राजकीय भवनों का तत्काल निरीक्षण करने और प्राथमिकता के आधार पर मरम्मत कार्य करवाने के निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों को इसकी तत्काल रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भिजवाने के लिए भी कहा.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी झालावाड़ जिले में स्कूली बच्चों की मौत पर गहरा दुख जताया है. उन्होंने कहा कि हादसे में कई छात्रों की मृत्यु और घायल होने का समाचार अत्यंत दुखद है. उन्होंने ईश्वर से शोक संतप्त परिवारों को यह पीड़ा सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की.

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