देश में दो बड़े पदों को लेकर चर्चा तेज़ है: उपराष्ट्रपति का पद, जो जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद खाली हुआ है, और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष।
सूत्रों की मानें तो उपराष्ट्रपति पद के लिए भाजपा के भीतर से किसी बड़े नेता का नाम आ सकता है। इसी तरह पार्टी अध्यक्ष पद के लिए भी कई नामों पर विचार हो रहा है। इन दोनों अहम पदों के लिए मनोहर लाल खट्टर का नाम सबसे आगे है। उनकी संघ पृष्ठभूमि, संगठन पर पकड़ और प्रशासनिक अनुभव उन्हें मजबूत दावेदार बनाते हैं।
मनोहर लाल खट्टर से जब पूछा गया कि अगर उन्हें उपराष्ट्रपति और भाजपा अध्यक्ष में से किसी एक पद को चुनना हो, तो वे क्या चुनेंगे? खट्टर ने कूटनीतिक अंदाज़ में जवाब दिया, मैं कोई चुनाव नहीं करता... जो जिम्मेदारी दी जाती है, उसे निभाता हूं। यह बात उन्होंने एक कार्यक्रम में कही।
खट्टर ने अपने शुरुआती दिनों की एक कहानी सुनाई, जिससे उन्होंने समझाने की कोशिश की कि पद उनके लिए मायने नहीं रखता, बल्कि काम मायने रखता है। उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें बिना बताए एक जिले से दूसरे जिले में ट्रांसफर कर दिया गया और उन्होंने कोई सवाल नहीं किया।
खट्टर ने कहा, मुझे जो भी काम सौंपा जाता है, मैं उसे पूरी निष्ठा से करता हूं। न कोई काम छोटा होता है, न बड़ा। अगर मुझे वीपी या बीजेपी अध्यक्ष नहीं भी बनाया गया, तो भी मेरे पास करने के लिए बहुत काम रहेगा।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया। हालांकि उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया, पर सूत्रों के अनुसार उन्होंने विपक्ष के प्रस्ताव पर न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था, जिससे पार्टी असहज हो गई थी।
खट्टर ने भी इसपर अप्रत्यक्ष रूप से सवाल उठाते हुए कहा, बिना सरकार पर भरोसा किए उन्होंने विपक्ष का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया, ये सरकार की रणनीति थी।
जेपी नड्डा को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बनाए जाने के बाद पार्टी नए अध्यक्ष की तलाश में है। जातीय समीकरण, उत्तर-दक्षिण भारत का राजनीतिक संतुलन और 2026 की जनगणना जैसे मुद्दे भी पार्टी को संतुलित करने होंगे।
खट्टर उत्तर भारत से हैं, पर उनकी आरएसएस पृष्ठभूमि और संगठनात्मक समझ उन्हें मजबूत बना सकती है। पिछले साल हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाया गया था, ताकि एंटी-इंकम्बेंसी का असर न पड़े। इसके बाद उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया गया।
मनोहर लाल खट्टर का यह बयान राजनीतिक समझदारी और जिम्मेदारी को दिखाता है। आने वाले दिनों में उन्हें कौन सी नई भूमिका मिलती है, यह देखना दिलचस्प होगा।
#NDTVRealEstateConclave | What will ML Khattar choose if he is given a choice between becoming the vice president or BJP s national president? Listen in pic.twitter.com/Sw7JmYelWm
— NDTV (@ndtv) July 24, 2025
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