पाकिस्तान की शर्मनाक हार: शाहीन-3 परमाणु मिसाइल परीक्षण में विफल, आबादी के करीब गिरने से बलूच भड़के
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पाकिस्तान को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है। शाहीन-3 नामक परमाणु मिसाइल का परीक्षण 22 जुलाई को किया गया, लेकिन यह परीक्षण के दौरान ही विफल हो गई।

मिसाइल बलूचिस्तान प्रांत में आबादी के नजदीक खेतों में जाकर गिरी, जिससे स्थानीय लोग बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि अगर मिसाइल आबादी के बीच गिर जाती तो भारी तबाही हो सकती थी।

बलूच नेता मीर यार बलोच ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि पाकिस्तान द्वारा बार-बार किए जा रहे विफल मिसाइल परीक्षण बलूचिस्तान की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन हैं और नागरिकों के जीवन को खतरे में डालते हैं।

स्थानीय निवासियों के अनुसार, पाकिस्तान की सेना ने 22 जुलाई को बलूचिस्तान की सीमा में मिसाइल परीक्षण का विफल प्रयास किया। यह मिसाइल डेरा गाज़ी खान के इलाके से दागी गई और ग्रापन की घाटी में लूप सेहरानी लेवी स्टेशन से केवल 500 मीटर की दूरी पर गिरी। अगर मिसाइल थोड़ा भी भटक जाती, तो भारी जान-माल का नुकसान हो सकता था।

बलोच नेता का आरोप है कि यह कोई अकेली घटना नहीं है। पाकिस्तानी सेना लगातार मिसाइल परीक्षणों के नाम पर बलूच नागरिकों को उनके घरों से जबरन बेदखल कर रही है। डेरा बुगती और कहान जैसे क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं, जहां स्थानीय लोगों को धमकाया जा रहा है और डराया जा रहा है, ताकि बिना किसी रोक-टोक के संसाधनों की लूट की जा सके।

मीर यार बलोच का कहना है कि पाकिस्तान ने बलूचिस्तान को पिछले कुछ सालों में एक सैन्य परीक्षण क्षेत्र बना दिया है। यहां अक्सर विदेशी सहयोग से बैलिस्टिक मिसाइल और अन्य घातक हथियारों का परीक्षण किया जाता है। अक्टूबर 2023 में भी एक मिसाइल पंजाब से दागी गई थी, जो डेरा बुगती के खेतों में गिर गई थी, जिससे नागरिकों की जान को खतरा हुआ था।

उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 28 मई 1998 को पाकिस्तान ने चगाई जिले में 6 परमाणु परीक्षण किए थे, जिनका स्थानीय आबादी पर अभी भी रेडिएशन और स्वास्थ्य संबंधी बुरा असर पड़ रहा है, जिससे कैंसर, त्वचा रोग और अन्य गंभीर बीमारियां हो रही हैं।

बलोच नेता ने संयुक्त राष्ट्र, सुरक्षा परिषद और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से मांग की है कि पाकिस्तान पर हथियारों के निर्माण पर प्रतिबंध लगाया जाए, उसके मिसाइल और परमाणु कार्यक्रमों पर कड़ी निगरानी रखी जाए, बलूचिस्तान में नागरिकों की सुरक्षा और संप्रभुता के उल्लंघन की निष्पक्ष जांच की जाए और मिसाइल परीक्षणों और हवाई हमलों के डर से हो रहे बलूच विस्थापन को रोका जाए। बलूच राष्ट्र न्याय और शांति के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की अपील करता है।

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