भारत के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई. उनका कार्यकाल अगस्त 2027 तक था, लेकिन उन्होंने दो साल पहले ही पद त्याग दिया.
इस्तीफे के अगले दिन धनखड़ न तो राज्यसभा में आए, और न ही उन्हें सदन की ओर से कोई आधिकारिक फेयरवेल दिया गया. इस अप्रत्याशित घटना के पीछे क्या कारण है?
धनखड़ ने अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए वे तत्काल प्रभाव से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहे हैं.
उनके इस्तीफे के करीब 15 घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर उन्हें शुभकामनाएँ दीं. लेकिन कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि न कोई स्पीच, न कोई फेयरवेल, फिर कैसे कह दें, ऑल इज वेल?
सूत्रों के अनुसार, यदि कोई कार्यकाल के बीच में इस्तीफा देता है, तो फेयरवेल स्पीच का कोई प्रावधान नहीं है. फेयरवेल तभी दिया जाता है जब कोई अपना कार्यकाल पूरा करता है.
संविधान के अनुच्छेद 67(a) में उपराष्ट्रपति को अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले अपनी मर्जी से पद छोड़ने का अधिकार है. उपराष्ट्रपति लिखित रूप में अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को भेजते हैं.
इस्तीफा सौंपने के बाद नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाएगी. इस बीच राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह करेंगे.
संविधान में इस्तीफे की प्रक्रिया का तो जिक्र है, लेकिन Fairwell को लेकर कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है. संविधान के जानकारों का कहना है कि अगर भारत के उपराष्ट्रपति अपने कार्यकाल के खत्म होने से पहले इस्तीफा दे देते हैं, तो उनके विदाई समारोह को लेकर संविधान में कोई खास नियम या प्रक्रिया निर्धारित नहीं है.
संविधान में उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा देने की प्रक्रिया तो स्पष्ट रूप से बताई गई है, लेकिन उनके फेयरवेल या किसी भी तरह के विदाई समारोह के आयोजन को लेकर कोई बाध्यकारी नियम नहीं है.
यह पूरी तरह से तत्कालीन सरकार और इस्तीफा देने वाले उपराष्ट्रपति के विवेक पर निर्भर करता है. यानी इस तरह का कोई भी आयोजन व्यक्तिगत या अनौपचारिक स्तर पर हो सकता है, लेकिन इसके लिए कोई सरकारी प्रोटोकॉल नहीं है.
आमतौर पर जब कोई उच्च संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति अपना कार्यकाल पूरा करता है, तो उसके सम्मान में विदाई समारोह आयोजित करने की परंपरा रही है. लेकिन कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा देने की स्थिति में ऐसा कोई निश्चित प्रोटोकॉल नहीं है.
अब देखना यह होगा कि क्या सरकार की ओर से औपचारिक या अनौपचारिक रूप से पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को फेयरवेल दिया जाएगा या नहीं.
— Vice-President of India (@VPIndia) July 21, 2025
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