निमिषा प्रिया की फांसी टालने में मौलाना का कोई हाथ नहीं, विदेश मंत्रालय ने किया साफ
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केरल की नर्स निमिषा प्रिया, जो यमन की जेल में बंद हैं, फांसी की सजा का सामना कर रही हैं। हाल ही में उनकी फांसी एक दिन पहले टाल दी गई। इसके बाद, कुछ मीडिया संस्थानों ने दावा किया कि मौलाना कंथापुरम एपी अबु बक्र मुसलियार ने निमिषा प्रिया की फांसी रुकवाने में अहम भूमिका निभाई।

हालांकि, विदेश मंत्रालय ने इन दावों को खारिज कर दिया है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि भारत के यमन की हूती प्रशासन से औपचारिक कूटनीतिक संबंध नहीं होने के कारण मौलाना की मदद ली गई।

विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि निमिषा प्रिया की फांसी को टालने और उनकी रिहाई के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मंत्रालय यमन के लोकल अथॉरिटी और प्रिया के परिवार के सदस्यों के साथ लगातार संपर्क में है।

मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस मामले पर कुछ मित्र देशों से भी बातचीत चल रही है और यमन सरकार के कुछ लोगों से संपर्क बनाए हुए हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मौलाना की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।

वहीं, कुछ मीडिया संस्थानों ने अपनी रिपोर्टिंग में भारत सरकार के प्रयासों के बजाय मौलाना मुसलियार की भूमिका पर जोर दिया।

सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल ने भी मौलाना को लेकर फैलाई जा रही खबरों को खारिज किया है।

निमिषा प्रिया 2008 में यमन चली गई थीं। 2017 में उन्होंने कथित तौर पर अपने बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो मेहदी की हत्या कर दी थी। निमिषा का कहना है कि मेहदी ने उनके ट्रैवल दस्तावेज जब्त कर लिए थे और उन्हें प्रताड़ित कर रहा था।

निमिषा ने बेहोश करके मेहदी से अपने कागजात लेने की कोशिश की, लेकिन ड्रग ओवरडोज की वजह से उसकी मौत हो गई।

मेहदी के परिजनों ने ब्लड मनी के बदले निमिषा को माफ करने से इनकार कर दिया है। ऐसे में यमन में उन्हें फांसी की सजा मिली है।

भारत सरकार निमिषा को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। हालांकि, यमन के बड़े हिस्से पर विद्रोही गुटों का कब्जा है, जिनकी सरकार को भारत सरकार मान्यता नहीं देती है, इसलिए यमन के साथ भारत का कोई सीधा राजनयिक संबंध नहीं है।

भारत सरकार यमन के पड़ोसी देशों या फिर ईरानी चैनल के माध्यम से निमिषा को बचाने के प्रयत्न कर रही है।

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