मिडिल ईस्ट एक और युद्ध के मुहाने पर खड़ा है. 13 जून को ईरान पर इजरायल के हमले ने इसके संकेत दे दिए हैं. इजरायल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर ताबड़तोड़ हवाई हमले किए.
ईरान ने भी जवाब में इजरायल के रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया.
इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने ईरान के लोगों से खामेनेई के शासन को उखाड़ फेंकने की अपील की है, जिससे खामेनेई आगबबूला हो गए हैं.
नेतन्याहू ने सीधे ईरान की जनता को संबोधित करते हुए उन्हें मौजूदा शासन के खिलाफ खड़े होने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि इजरायल की लड़ाई ईरान की जनता के खिलाफ नहीं, बल्कि ईरान की तानाशाही सरकार के खिलाफ है.
नेतन्याहू ने उम्मीद जताई कि इजरायल का यह सैन्य ऑपरेशन ईरान में आजादी का रास्ता साफ करेगा. उन्होंने इसे बुराई और दमनकारी शासन के खिलाफ ईरान के लोगों के एकजुट होने का समय बताया. उन्होंने कहा कि ईरानी सरकार ने 50 सालों तक लोगों का उत्पीड़न किया है और देश को तबाह कर दिया है.
नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल का उद्देश्य ईरानी सरकार के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम को जड़ से उखाड़ फेंकना है. जैसे ही यह उद्देश्य पूरा हो जाएगा, ईरानी जनता की आजादी का रास्ता भी साफ हो जाएगा.
नेतन्याहू के इस बयान से नाराज़ ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने कहा कि इजरायल ने युद्ध की शुरुआत कर दी है और अब वह इससे बाहर नहीं निकल सकता.
खामेनेई ने कहा कि इजरायल को यह नहीं सोचना चाहिए कि हमले के बाद सब खत्म हो गया है. उन्होंने कहा कि इजरायल ने यह हमला शुरू किया है और उसे इस अपराध से बचकर नहीं जाने दिया जाएगा. उन्होंने चेतावनी दी कि इजरायल ने खुद को दर्दनाक भाग्य के लिए तैयार कर लिया है और उसे निश्चित रूप से इसका सामना करना पड़ेगा.
खामेनेई ने कहा कि ईरान के खिलाफ इस अपराध में इजरायल के हाथ खून से सने हैं. उन्होंने इजरायल को बर्बाद करने और उनके लिए नरक के दरवाजे खोलने की धमकी दी.
इजरायल ने तेहरान और अन्य शहरों में बार-बार हवाई हमले किए, जबकि ईरान ने मिसाइल और ड्रोन हमलों से पलटवार किया. इजरायल में लाखों लोग बंकरों में शरण लिए हुए हैं क्योंकि मिसाइल हमलों के कारण पूरे देश में सायरन बज रहे हैं. ईरान में भी नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए गए हैं.
इजरायली हमलों में ईरान में अब तक 78 लोगों की मौत और 329 लोगों के घायल होने की खबर है.
दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है और हमले अभी भी जारी हैं. इजरायल ने स्पष्ट किया है कि जब तक ईरान का परमाणु खतरा खत्म नहीं होता, ऑपरेशन राइजिंग लॉयन जारी रहेगा. ईरान ने जवाबी हमलों की चेतावनी दी है और अपनी बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता को और बढ़ाने की योजना बनाई है.
इजरायल में रेड अलर्ट जारी है और नागरिकों को बंकरों में रहने के निर्देश दिए गए हैं. इजरायल ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बना रहा है, जबकि ईरान इजरायल के रिहायशी इलाकों पर हमले कर रहा है.
Prime Minister Benjamin Netanyahu:
— Prime Minister of Israel (@IsraeliPM) June 13, 2025
To the proud people of Iran,
We are in the midst of one of the greatest military operations in history, Operation Rising Lion.
The Islamic regime, which has oppressed you for almost 50 years threatens to destroy our country, the State of Israel. pic.twitter.com/F67bxcDitL
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