ऑपरेशन राइजिंग लायन से मचा भूचाल: इजराइल-ईरान आमने-सामने, ट्रंप की चेतावनी
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इजराइल और ईरान के बीच दशकों पुराना तनाव अब युद्ध की कगार पर खड़ा है. इजराइल ने ऑपरेशन राइजिंग लायन के तहत ईरान में गुप्त हमले कर 100 से अधिक ठिकानों को निशाना बनाया.

इन हमलों में ईरान के शीर्ष सैन्य और परमाणु अधिकारी मारे गए हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में अशांति फैल गई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ईरान को चेतावनी देते हुए कहा है कि बहुत देर होने से पहले कार्रवाई करें.

इजराइल ने योजनाबद्ध तरीके से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. उसके 200 से अधिक फाइटर जेट्स ने ईरान के 100 से अधिक रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाया.

यह हमला ईरान के हवाई सुरक्षा को चकमा देकर किया गया, जिससे ईरान की सेना अप्रत्याशित रूप से प्रभावित हुई. परमाणु केंद्र, सैन्य बंकर, हथियार डिपो और कमांड हेडक्वार्टर्स को निशाना बनाया गया. इस हमले में ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारी और 6 परमाणु वैज्ञानिक मारे गए.

इजराइल द्वारा इस हमले का समय बेहद रणनीतिक था. हमले से कुछ दिन पहले ईरान ने हिज़्बुल्लाह और हमास को समर्थन देने की बात की थी, जिससे इजराइल में सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई थीं. यूएन सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव को लेकर ईरान और अमेरिका के बीच मतभेद गहरे हो गए थे.

हमले के तुरंत बाद ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने सैन्य कमान में बदलाव किए. मेजर जनरल मोहम्मद पाकपुर को इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर का नया कमांडर बनाया गया है. अब्दुलरहीम मौसवी को मोहम्मद बाघेरी की जगह सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ का प्रमुख नियुक्त किया गया है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा, जस्ट डू इट बिफोर इट्स टू लेट. उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से ईरान को चेताया कि जवाबी कार्रवाई के गंभीर परिणाम होंगे.

ट्रंप ने कहा कि ईरान को कई मौके दिए गए, लेकिन वे समझौता नहीं कर पाए. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो जो होने वाला है वह उनकी कल्पना से भी ज्यादा भयानक होगा.

संयुक्त राष्ट्र ने इस घटनाक्रम को अत्यंत चिंताजनक बताते हुए संयम बरतने की अपील की है. रूस और चीन ने इजराइल की आलोचना करते हुए इसे क्षेत्रीय अस्थिरता का कारण बताया. भारत ने भी अपने नागरिकों को ईरान और इजराइल की यात्रा से बचने की सलाह दी है.

आगे की राह में ईरान सीमित जवाबी हमला कर सकता है, साइबर युद्ध छेड़ सकता है या हिज़्बुल्लाह और हमास को उकसा सकता है. यदि दोनों पक्षों की जवाबी कार्रवाइयां बढ़ती रहीं, तो क्षेत्रीय युद्ध की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. पश्चिम एशिया एक नाजुक मोड़ पर है. इज़राइल के इस साहसिक ऑपरेशन ने ईरान के भीतर गहरा असर डाला है.

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