अहमदाबाद में एक बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान के क्रैश होने की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. विमान उड़ान भरने से पहले पूरी तरह से ठीक था और उसे सभी ज़रूरी मंजूरी मिल चुकी थी. मौसम भी बिल्कुल साफ था. पायलट और को-पायलट दोनों ही अनुभवी थे, फिर भी इतना बड़ा हादसा हो गया.
हादसे के कारणों का पता जांच के बाद ही चल पाएगा. लेकिन, विमान के टेकऑफ होने से लेकर क्रैश होने तक के अंतिम 9 मिनटों में क्या-क्या हुआ, इसकी जानकारी यहां दी गई है.
यह बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर VT-ANB था, 2014 में एअर इंडिया के बेड़े में शामिल हुआ था. इसने 14 दिसंबर 2013 को पहली उड़ान भरी थी और जनवरी 2014 में इसे एअर इंडिया को सौंपा गया था.
एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के अनुसार, एअर इंडिया का विमान AI-171 दोपहर 1 बजकर 30 मिनट पर रनवे नंबर 23 पर आ गया था. उस समय तक विमान में कोई तकनीकी खराबी नहीं थी. सैटेलाइट इमेज में 1 बजकर 38 मिनट पर विमान रनवे के आखिरी हिस्से पर दिखा, जहां से उसने उड़ान भरी.
विमान तेजी से ऊपर की ओर बढ़ने लगा. अहमदाबाद एयरपोर्ट समुद्र तल से लगभग 200 फीट ऊपर है. एयरपोर्ट से करीब 425 फीट की ऊंचाई और समुद्र तल से 625 फीट ऊपर पहुंचते ही प्लेन का संपर्क टूट गया. यहीं से प्लेन तेजी से नीचे गिरने लगा. रनवे छोड़ने के ठीक 1 मिनट बाद प्लेन एयरपोर्ट से कुछ दूरी पर मेघानीनगर आईजीपी परिसर में एक अस्पताल की इमारत से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
विमान के कैप्टन सुमित सभरवाल एक LTC (Line Training Pilot) थे, जिनके पास 8200 घंटे का उड़ान अनुभव था, जबकि को-पायलट क्लाइव कुंदर के पास 1100 घंटे का अनुभव था. 425 फीट की ऊंचाई से नीचे आने में विमान को 1 मिनट से भी कम समय लगा.
कैप्टन सुमित सभरवाल ने ATC से संपर्क करने की कोशिश करते हुए तीन बार MAYDAY, MAYDAY, MAYDAY बोला. यह एक कोडवर्ड है जिसका इस्तेमाल पायलट तब करता है जब उसे लगता है कि सभी कोशिशें विफल हो रही हैं और विमान गंभीर संकट में है. लेकिन, 1 मिनट का समय हालात संभालने के लिए पर्याप्त नहीं था और विमान एक तेज धमाके के साथ दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
लंदन जा रहे इस विमान का टैंक ईंधन से भरा हुआ था, जिसके कारण विमान के गिरते ही भयानक काला धुआं उठा, जो दो किलोमीटर तक फैल गया. आमतौर पर सिविल प्लेन 35 से 40 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरते हैं. अगर प्लेन इतनी ऊंचाई पर होता, तो पायलट के पास स्थिति संभालने के लिए अधिक समय होता. ATC के लिए भी कैप्टन से संपर्क करके स्थिति को नियंत्रित करने की कुछ संभावना होती. लेकिन 1 मिनट में ऐसा कुछ भी कर पाना लगभग असंभव था.
विमान में दो पायलट और 10 केबिन क्रू सहित कुल 242 लोग सवार थे. यात्रियों में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे. गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी विमान में सवार थे.
ताल ठोक के: तकनीकी खामी या चूक...हादसे में कोई भूल?#TaalThokKe #AhmedabadPlaneCrash #PlaneCrash #Ahmedabad #Gujarat #AirIndia | @anuraagmuskaan pic.twitter.com/x6d5Hbayba
— Zee News (@ZeeNews) June 12, 2025
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