एक्सिओम मिशन-4 फिर स्थगित, शुभांशु शुक्ला की उड़ान पर लगा ब्रेक!
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भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष में जाने का सपना फिलहाल टल गया है. एक्सिओम-4 मिशन, जिसके तहत शुभांशु और तीन अन्य लोग इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) जाने वाले थे, को इंजीनियरों द्वारा स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट में रिसाव की मरम्मत के लिए और समय मांगने के कारण स्थगित कर दिया गया है.

स्पेसएक्स ने घोषणा की है कि वह पोस्ट-स्टेटिक बूस्टर जांच के दौरान पहचाने गए लिक्विड ऑक्सीजन रिसाव की मरम्मत के लिए एक्सिओम-4 मिशन के फाल्कन-9 की लॉन्चिंग से पीछे हट रहा है.

स्पेसएक्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा, पोस्ट स्टेटिक फायर बूस्टर निरीक्षण के दौरान पहचाने गए एलओएक्स रिसाव की मरम्मत के लिए स्पेसएक्स टीमों को अतिरिक्त समय देने को लेकर Ax-4 के बुधवार के फाल्कन 9 लॉन्चिंग से पीछे हट रहा है.

स्पेसएक्स के अनुसार, रिसाव की मरम्मत पूरी होने और रेंज की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए लॉन्चिंग की नई तारीख की घोषणा जल्द ही की जाएगी.

शुभांशु शुक्ला लगभग 41 साल बाद भारत से अंतरिक्ष की उड़ान भरने वाले थे. अब इसके लिए उन्हें और इंतजार करना होगा. इससे पहले, राकेश शर्मा ने सोवियत संघ के इंटरकॉस्मोस कार्यक्रम के माध्यम से 8 दिनों तक पृथ्वी की परिक्रमा की थी.

लखनऊ में जन्मे शुभांशु शुक्ला, जो 10 अक्टूबर 1985 को पैदा हुए, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और नासा समर्थित एक्सिओम स्पेस के वाणिज्यिक अंतरिक्ष यान का हिस्सा हैं. पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार, उन्हें आज बुधवार शाम फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से इंटरनेशनल स्पेस सेंटर के लिए 14 दिनों की यात्रा पर रवाना होना था.

राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में शामिल होने से पहले, शुभांशु ने सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा हासिल की. उन्हें 2006 में भारतीय वायुसेना में कमीशन दिया गया और उनके पास सुखोई-30 एमकेआई, मिग-29, जगुआर और डोर्नियर-228 समेत कई तरह के विमानों पर 2 हजार घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव है. उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान (IIS), बेंगलुरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमटेक की डिग्री भी हासिल की है.

भारतीय वायुसेना में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को 2019 में अन्य अधिकारियों अंगद प्रताप, प्रशांत बालकृष्णन नायर और अजीत कृष्णन के साथ गगनयान मिशन के लिए भारत के अंतरिक्ष यात्री दल का हिस्सा बनने के लिए चुना गया था. इस गगनयान के 2027 में शुरू किए जाने की संभावना है.

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की यह अंतरिक्ष यात्रा, मानव अंतरिक्ष यान में भारत की वापसी का प्रतीक मानी जा रही है क्योंकि 41 साल पहले राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत रूस के सोयूज अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष की यात्रा की थी.

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