दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी हिरासत में, झुग्गी विध्वंस का विरोध बना कारण
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दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी को मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। यह कार्रवाई कालकाजी के भूमिहीन कैंप में झुग्गी तोड़ने के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन में उनकी भागीदारी के कारण हुई।

मीडिया से बात करते हुए आतिशी ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा और रेखा गुप्ता को झुग्गीवासियों की हाय लगेगी। आतिशी ने जोर देकर कहा कि भाजपा इन झुग्गियों को तोड़ने जा रही है और उन्हें इसलिए जेल में डाला जा रहा है, क्योंकि वह गरीबों की आवाज उठा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा अब कभी सत्ता में नहीं लौटेगी।

आतिशी के इस बयान के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। आम आदमी पार्टी ने इस कार्रवाई को गरीब विरोधी बताया है। फिलहाल, दिल्ली पुलिस की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

आम आदमी पार्टी (आप) ने इस कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। आप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि भाजपा की दिल्ली पुलिस ने एलओपी आतिशी जी को जबरन हिरासत में लिया। पार्टी ने कहा कि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी जब कालकाजी के भूमिहीन कैंप की झुग्गियों पर भाजपा सरकार द्वारा की जाने वाली बुलडोजर कार्रवाई का विरोध करने पहुंचीं, तो डरपोक सरकार की दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

आप ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार और दिल्ली पुलिस कान खोलकर सुन लें, उनकी तानाशाही और बुलडोजर एक्शन के खिलाफ आम आदमी पार्टी आवाज उठाती रही है और आगे भी उठाती रहेगी। पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि वे न तो भाजपा से डरते हैं और न ही उसकी पुलिस से।

यह प्रदर्शन दरअसल, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा जारी किए गए एक नोटिस के जवाब में था। डीडीए ने उच्च न्यायालय के निर्देशों के पालन में दक्षिण दिल्ली के कालकाजी एक्सटेंशन स्थित भूमिहीन कैंप के सभी निवासियों को नोटिस जारी किया था। इस नोटिस में निवासियों को अवैध झोपड़ियों को हटाने की कार्रवाई से पहले, तीन दिनों के भीतर अपने घर स्वेच्छा से खाली करने का निर्देश दिया गया था।

नोटिस में यह भी स्पष्ट किया गया था कि यदि तय समयसीमा में झोपड़ियां खाली नहीं की गईं, तो प्राधिकरण द्वारा तोड़फोड़ की कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही यह चेतावनी भी दी गई कि झोपड़ियों के भीतर छोड़ी गई किसी भी व्यक्तिगत संपत्ति की क्षति के लिए डीडीए जिम्मेदार नहीं होगा। आतिशी इसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थीं।

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