अयोध्या में राम मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ है, जगह कम पड़ रही है. कभी मंदिर प्रशासन को कहना पड़ा कि लोग अब मंदिर न आएं.
यह मंदिर एक दिन में नहीं बना. इसके लिए अनगिनत हिंदुओं ने सर्वस्व न्योछावर किया. उन्हीं में से एक थे काला बच्चा सोनकर .
आज की पीढ़ी शायद काला बच्चा सोनकर को न जानती हो, लेकिन एक दौर में वे कानपुर में हिंदूवादी भौकाल के नाम से जाने जाते थे.
अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद काला बच्चा पर एक ही दिन में 76 केस दर्ज हुए. उनका खौफ इतना था कि ISI ने उनकी हत्या करवा दी.
उनके बेटे और बीजेपी विधायक राहुल बच्चा सोनकर ने पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया.
काला बच्चा का असली नाम मुन्ना सोनकर था. रंग सांवला होने से लोग उन्हें काला बच्चा कहने लगे.
कानपुर के बिल्हौर के रहने वाले, खटीक समुदाय से थे. गरीब पृष्ठभूमि से आए थे.
1992 में राम मंदिर आंदोलन चरम पर था. 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद देशभर में दंगे भड़क उठे.
काला बच्चा सोनकर हिंदुओं के रक्षक बनकर सामने आए.
1993 में कानपुर के DIG रहे आलोक लाल ने बताया कि 1992 में कानपुर में दंगे भड़के तो काला बच्चा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद, उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने इस्तीफा दे दिया, राष्ट्रपति शासन लगा.
कानपुर में ढांचा गिराए जाने के विरोध में निकाले गए मार्च के बाद हिंसा भड़की. काला बच्चा के खिलाफ एक ही दिन में 76 केस दर्ज हुए.
उन पर लूटपाट और हत्या तक करवाने के आरोप लगे.
1992 में काला बच्चा सोनकर के खिलाफ 76 केस दर्ज हुए, लेकिन उनकी ख्याति देशभर में फैल चुकी थी.
1993 में बीजेपी ने उन्हें बिल्हौर सीट से टिकट दिया, लेकिन वे हार गए.
9 फरवरी 1994 को काला बच्चा स्कूटर से जा रहे थे, तभी उन पर बम से हमला हुआ.
कहा जाता है कि बम इतना शक्तिशाली था कि शरीर के चिथड़े उड़ गए.
मुलायम सिंह की सरकार ने उन्हें सम्मान की अंतिम यात्रा भी नसीब नहीं होने दी.
उनके अंतिम संस्कार में परिवार के लोगों को भी शामिल नहीं होने दिया गया.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, केवल 7 परिजनों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया.
अंतिम संस्कार के समय काला बच्चा की मां को पीटा गया.
उनकी मां रामरती ने बताया कि पुलिसवालों ने उन्हें धक्का दिया और मारा.
जब अस्थियां चुनने गए तो बमों से निकले लोहे के करीब 40 टुकड़े मिले.
काला बच्चा के बेटे राहुल बच्चा ने उनकी हत्या के बाद का एक वीडियो शेयर किया था.
गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने बताया कि काला बच्चा की हत्या के लिए मुंबई से 10 लाख रुपए की सुपारी दी गई थी.
हत्या में अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम के गैंग और ISI के होने की भी चर्चा थी.
दावा किया गया कि ISI ने बीजेपी के कई नेताओं की हत्या की साजिश रची है.
काला बच्चा सोनकर की कहानी एक विचार के प्रति खुद को समर्पित करने की कहानी है. उनकी हत्या के बाद भी आज तक उन्हें याद किया जाता है.
*1993 में कानपुर के DIG रहे आलोक लाल उस दौरान पिता जी अमर शहीद काला बच्चा के बारे में बताते हुए,
— MLA Rahul Bachcha Sonkar (@RahulBachchaBJP) November 15, 2023
बाबरी विध्वंस के बाद काला बच्चा 1992 के हिन्दू-मुस्लिम दंगों में हिन्दुओं का रक्षक थे,
पिता जी की हत्या के बाद श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी मेरे परिवार से मिलने कानपुर आए थे, लेकिन… pic.twitter.com/67U00GbtcT
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