कांग्रेस सांसद शशि थरूर, जो अमेरिकी दौरे पर हैं, से राहुल गांधी के नरेंदर सरेंडर वाले बयान पर सवाल पूछा गया तो वे मुस्कुरा दिए. उन्होंने कहा कि भारत को कभी भी किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं पड़ी और ना ही कभी किसी से मदद मांगी गई.
थरूर ने कहा कि भारत को रोकने के लिए किसी मध्यस्थ की जरूरत नहीं थी, क्योंकि हम खुद ही कह रहे थे कि जैसे ही पाकिस्तान रुकेगा, हम भी रुकने को तैयार हैं.
हाल ही में राहुल गांधी ने एक बयान में कहा था कि पाकिस्तान से सैन्य संघर्ष के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एक फोन कॉल के बाद सरेंडर कर दिया था. राहुल गांधी का आरोप है कि इसी के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सैन्य संघर्ष रोकने पर सहमति जताई थी.
वॉशिंगटन में इस बयान को लेकर थरूर से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, मैं बस इतना ही कह सकता हूं कि हम अमेरिकी प्रेसिडेंसी और अमेरिकी राष्ट्रपति का बहुत सम्मान करते हैं. हमने कभी किसी से मध्यस्थता करने के लिए नहीं कहा. हमें पाकिस्तानियों को उन्हीं की भाषा में जवाब देने में कोई दिक्कत नहीं है. जब तक वे आतंकवाद की भाषा का इस्तेमाल करते रहेंगे, हम फोर्स की भाषा का इस्तेमाल करेंगे और इसके लिए किसी थर्ड पार्टी की जरूरत नहीं है.
थरूर ने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान अपने यहां आतंकवाद के ढांचे को खत्म करता है और सामान्य रिश्ते बहाल करने की गंभीर कोशिश करता है, तो भारत उसके साथ बिना किसी थर्ड पार्टी के बात करने को तैयार है.
उन्होंने कहा, किसी भी मामले में भारत को रोकने के लिए राजी करने की जरूरत नहीं थी. किसी को हमें बताने की जरूरत नहीं थी क्योंकि हम उन्हें बता रहे थे. जिस पल पाकिस्तान रुकता, हम रुकने के लिए तैयार थे. इसलिए अगर उन्होंने (अमेरिका) बदले में पाकिस्तानियों से कहा, बेहतर होगा कि आप रुक जाएं क्योंकि भारतीय रुकने के लिए तैयार हैं, और उन्होंने वही किया, तो यह उनका पाकिस्तान के साथ एक शानदार इशारा है, लेकिन केवल पाकिस्तान के साथ.
थरूर ने आगे कहा कि भारत अमेरिका के साथ अपने रणनीतिक रिश्तों को बहुत अहमियत देता है. दोनों देश कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना चाहते हैं और किसी भी तरह के विवाद से इन रिश्तों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए.
भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य संघर्ष और पहलगाम आतंकी हमले पर भारत का पक्ष रखने के लिए सात सर्वदलीय संसदीय दल दुनिया के अलग-अलग देशों में गए हैं. इनमें से एक दल कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में गया है. इस बातचीत के दौरान शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू भी मौजूद थे.
ट्रंप का एक फोन आया और नरेंद्र जी तुरंत surrender हो गए - इतिहास गवाह है, यही BJP-RSS का character है, ये हमेशा झुकते हैं।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 3, 2025
भारत ने 1971 में अमेरिका की धमकी के बावजूद पाकिस्तान को तोड़ा था। कांग्रेस के बब्बर शेर और शेरनियां Superpowers से लड़ते हैं, कभी झुकते नहीं। pic.twitter.com/RhdQWdRBtV
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