अहमदाबाद विमान हादसे में चमत्कार! आग के बीच से ज़िंदा निकले विश्वास कुमार का वीडियो
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अहमदाबाद विमान हादसे में जीवित बचे एकमात्र व्यक्ति, विश्वास कुमार रमेश का एक नया वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में विश्वास कुमार को उसी जगह से बाहर निकलते हुए देखा जा सकता है, जहाँ से विमान दुर्घटना के बाद आग और धुएं का गुबार उठ रहा था। उनके चारों ओर अफरा-तफरी मची हुई है।

40 वर्षीय भारतीय-ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार उन 242 लोगों में से एक थे जो हादसे के वक्त विमान में सवार थे। दुखद हादसे में बाकी सभी यात्रियों की मृत्यु हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अस्पताल में उनसे मुलाकात की थी।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद आग की लपटें और काले धुएं का गुबार दिखाई दे रहा है। उसी तरफ से विश्वास कुमार भी पैदल चलकर बाहर आते नजर आ रहे हैं। उनके आसपास लोगों में भगदड़ मची हुई है। विश्वास कुमार एयर इंडिया की फ्लाइट में सीट नंबर 11A पर बैठे थे।

अहमदाबाद से लंदन के गैटविक जा रहा एयर इंडिया का विमान एआई 171 गुरुवार दोपहर 1 बजकर 38 मिनट पर टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

विश्वास कुमार रमेश ने पहले बताया था कि उन्हें अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि कैसे वे चमत्कारिक रूप से उस हादसे में बच गए, जिसमें विमान में सवार 241 लोगों की जान चली गई। रमेश ने कहा कि उन्हें ऐसा महसूस हुआ कि अहमदाबाद से गैटविक के लिए नौ घंटे की यात्रा पूरी करने के लिए विमान उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद रुक गया था, और हरी और सफेद बत्तियां जल उठीं।

रमेश ने कहा, यह सब मेरी आंखों के सामने हुआ। मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि मैं कैसे बच गया। उन्होंने कहा, एक पल के लिए मुझे लगा कि मैं मरने वाला हूं, लेकिन जब मैंने आंखें खोलीं तो मैं जीवित था। मैंने सीट से अपनी बेल्ट खोली और बाहर निकल आया।

रमेश ने बताया कि उनकी आंखों के सामने एयर होस्टेस और अन्य यात्रियों की मौत हो गई। उन्होंने कहा, एक मिनट के भीतर ऐसा लगा कि विमान रुक गया है। हरी और सफेद बत्तियां जल रही थीं। ऐसा लग रहा था कि वे विमान को और अधिक गति देने के लिए ‘दौड़’ लगा रहे थे और विमान एक इमारत से टकरा गया।

सीट संख्या 11ए, एअर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान की इकोनॉमी क्लास की पहली पंक्ति की छह सीटों में से एक है। सीट मानचित्र के अनुसार, यह आपातकालीन निकास के पास एक खिड़की वाली सीट थी।

रमेश ने बताया कि विमान का उनका हिस्सा हॉस्टल से नहीं टकराया, जिससे वे मलबे से दूर जा सके। उन्होंने कहा, विमान में जहां मैं बैठा था वह हिस्सा जमीन पर गिरा। मेरे पास थोड़ी जगह थी। जब दरवाजा खुला, तो मैं एक जगह ढूंढ़ पाया और भाग निकला। मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि मैं जिंदा हूं। आग में मेरा बायां हाथ जल गया, लेकिन मैं दुर्घटनास्थल से बाहर निकल आया। मुझे यहां अच्छा इलाज मिला।

रमेश मूल रूप से केंद्र शासित प्रदेश दमन दीव के निवासी हैं और ब्रिटेन की राजधानी लंदन से 140 किलोमीटर दूर लीसेस्टर में रहते हैं। दुर्घटनाग्रस्त विमान में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी सवार थे और उनकी भी इस हादसे में मृत्यु हो गई है।

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