एक जहाज, 2000 KM का सफर और ग्रेटा थनबर्ग... इजरायल के लिए कैसे बना सिरदर्द?
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आटा, पानी, दूध, दवाइयां, बच्चों के डायपर और सैनिटरी पैड लेकर एक जहाज गाजा की ओर बढ़ रहा है. इसका उद्देश्य भूख से बिलखते लोगों तक मानवीय सहायता पहुंचाना है. साथ ही, गाजा में इजरायल की नाकेबंदी को तोड़ना भी इसका मकसद है.

लेकिन अब इस पर विवाद हो गया है. विवाद के केंद्र में हैं ग्रेटा थनबर्ग.

गाजा पहुंच रहे इस जहाज का नाम The Madleen है. यह मानवाधिकार संगठन Freedom Flotilla Coalition (FFC) से जुड़ा है. जहाज का नाम Madleen गाजा की पहली और इकलौती फिशरवुमेन के नाम पर रखा गया है.

यह जहाज एक जून को इटली के सिसली के बंदरगाह से रवाना हुआ था. इसे 2000 किलोमीटर की दूरी तय कर सात जून तक गाजा पहुंचना है, यदि इजरायल की नौसेना ने हस्तक्षेप नहीं किया तो.

जहाज में स्वीडन की 22 साल की जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग सहित कई मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं. इजरायल इसे लेकर सतर्क हो गया है.

इस जहाज में चिकित्सा सुविधाएं, खाद्य सामग्री और अन्य जरूरी सामान है. ग्रेटा थनबर्ग के साथ 11 अन्य कार्यकर्ता भी हैं, जिनमें फ्रांस, जर्मनी, ब्राजील, तुर्किए, स्पेन और नीदरलैंड्स के नागरिक शामिल हैं.

ग्रेटा थनबर्ग की इस गाजा यात्रा पर इजरायल की सेना ने आपत्ति जताई है. इजरायली सेना के प्रवक्ता ने कहा कि वे इस पर नजर रखे हुए हैं और स्थिति के अनुसार कार्रवाई करेंगे. इससे संकेत मिलते हैं कि इजरायल जहाज को गाजा तट तक पहुंचने से रोकने के लिए तैयार है.

FCC का यह पहला जहाज नहीं है. इससे पहले, संगठन ने Conscience नाम के एक जहाज को गाजा के लिए रवाना किया था, लेकिन दो मई को इजरायल के ड्रोन हमले में वह नष्ट हो गया था.

ग्रेटा थनबर्ग ने कहा कि वे यह कर रहे हैं क्योंकि उन्हें गलत के खिलाफ खड़ा होना चाहिए. उन्हें कोशिश करनी चाहिए क्योंकि कोशिश करना छोड़ने का मतलब मानवता को छोड़ देना है.

ग्रेटा थनबर्ग की यात्रा पर विवाद इसलिए है क्योंकि जहाज से खींची गई उनकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. इनमें वह फिलिस्तीन का झंडा पकड़े और गाजा के समर्थन में नारे लगाते हुए देखी जा सकती हैं, जिस पर उनकी आलोचना हो रही है.

गाजा में 2007 से इजरायल की नौसेना की नाकेबंदी है, जो सामान और लोगों की आवाजाही को प्रतिबंधित करती है. फ्रीडम फ्लोटिला इजरायल की इस नाकेबंदी को प्रतीकात्मक रूप से तोड़ने का प्रयास है, जिसे इजरायल अवैध और उकसाने वाला मानता है.

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