राजस्थान: क्या किरोड़ी लाल के छापों से भजनलाल सरकार असहज?
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कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा इन दिनों सक्रिय हैं और नकली खाद और बीज के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

पिछले सप्ताह उन्होंने अजमेर के किशनगढ़ में नकली उर्वरक बनाने वाली फैक्ट्रियों पर छापे मारे थे। अब, श्रीगंगानगर में नकली बीज बनाने वाले कारखानों पर लगातार दो दिनों से छापेमारी की जा रही है।

आज, 4 जून को, रीको इंडस्ट्रियल एरिया में श्री राम सीड्स को सीज किया गया, जहाँ बीज पर हरे रंग की कोटिंग की जा रही थी। जांच के दौरान फैक्ट्री से केमिकल युक्त रंग के कई ड्रम बरामद हुए। इससे पहले भी बीज फैक्ट्रियों पर छापा मारा गया था और भारी मात्रा में नकली बीज बरामद किया गया था।

किरोड़ी लाल मीणा ने पहले खाद बनाने वाली फैक्ट्रियों पर भी कार्रवाई की थी, जिसकी शुरुआत उन्होंने अजमेर के किशनगढ़ से की थी। 29 मई को किशनगढ़ स्थित 12 फैक्ट्रियों पर छापेमारी की गई थी। अगले दिन, 5 खाद फैक्ट्रियों की जांच की गई। इन फैक्ट्रियों में मार्बल पाउडर, मिट्टी, बजरी और रंगों से मिलाकर डीएपी, एसएसपी और पोटाश जैसे खाद तैयार किए जा रहे थे। इन फैक्ट्रियों से लाखों टन कच्चा माल और लाखों पैकेट बरामद किए गए, जिनमें इफको के पैकेट भी शामिल थे।

इन कार्रवाईयों के बाद इफको ने एक बयान जारी कर कहा कि इन जगहों से इफको का कोई भी उत्पाद नहीं मिला है। संस्था ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि एक्वाग्री का बनाया हुआ सागरिका दानेदार बायोस्टीम्युलेंट मिला है, जिसे भारत सरकार के नियमों के आधार पर बनाया जा रहा था। इन स्थानों पर जो डोलोमाइट, जिप्सम, बेंटोनाइट मिला है, उसका प्रयोग अनाज को दानेदार बनाने के लिए किया जाता है, इसलिए जिप्सम मिलना भी गलत नहीं है।

किरोड़ी लाल मीणा के छापों को लेकर राजनीतिक कयास भी लगाए जा रहे हैं। किरोड़ी लाल मीणा ने जिस किशनगढ़ से कार्रवाई की शुरुआत की है, वह केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी का क्षेत्र है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि किरोड़ी इन छापों से अपनी ही सरकार को असहज कर रहे हैं।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी एक्स पर पोस्ट पर किरोड़ी के बयान के बहाने सरकार को घेरा है। उन्होंने लिखा कि पूरे देश में नकली खाद बनाने और बेचने वाली गैंग सक्रिय है, फिर डबल इंजन की सरकारें क्या कर रही हैं? केंद्र की सहकारी संस्था इफको कहां है, जिसके नाम पर जमीनों में जहर बोने का काला धंधा चल रहा है? एजेंसियां कहां हैं और किसका संरक्षण हैं, जो अधिकारी अब तक कार्रवाई नहीं कर पाए?

हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब किरोड़ी लाल मीणा ने अपने एक्शन की वजह से विपक्ष को एक हथियार मुहैया कराया है। इससे पहले एसआई भर्ती पेपर लीक मामले, RAS परीक्षा समेत अन्य मामले में सरकार के रुख के खिलाफ रहकर सरकार को असहज करते रहे हैं।

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