थरुर का दावा: पाकिस्तान के आतंकी हमलों पर नहीं कोई शक, चीन की तकनीक का तोड़ा गया तोड़, मध्यस्थता सिरे से खारिज
News Image

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका दौरे पर आतंकवाद से जुड़े मामलों में किसी भी तरह की मध्यस्थता की संभावना को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि आतंकवाद फैलाने वाले और आतंक के शिकार देशों में कोई नैतिक या तथ्यात्मक समानता नहीं हो सकती। थरूर एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं जो भारत की ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दुनिया के देशों को जानकारी दे रहा है।

थरूर से जब पूछा गया कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिका की मध्यस्थता मददगार हो सकती है, तो उन्होंने कहा, मध्यस्थता ऐसा शब्द नहीं जिसे हम स्वीकार करते हैं। आप एक ऐसा तर्क दे रहे हैं जैसे दोनों पक्ष बराबर हों - जबकि एक तरफ आतंकियों को शरण देने वाला देश है, और दूसरी तरफ एक लोकतांत्रिक राष्ट्र जो अपने नागरिकों की रक्षा कर रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की दिलचस्पी और चिंता को भारत ने सराहा, लेकिन असली दबाव पाकिस्तान पर डालना जरूरी था।

थरूर ने कहा है कि भारत ने चीन की उन्नत तकनीक को मात देते हुए पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई में बड़ी सफलता पाई है। उन्होंने बताया कि चीन की किल चेन प्रणाली का इस्तेमाल पाकिस्तान की ओर से किया गया, लेकिन भारत ने अपनी रणनीति समय के अनुसार बदली और 11 पाकिस्तानी एयरबेस को निशाना बनाकर उनकी आपूर्ति और सुरक्षा प्रणाली को तोड़ दिया।

अगर हम रणनीति नहीं बदलते तो इतने प्रभावशाली ढंग से कार्रवाई नहीं कर पाते। लड़ाई के दौरान ही हम आकलन कर रहे थे और रणनीति को फिर से तैयार कर रहे थे। थरूर ने कहा कि पाकिस्तान में चीन के गहरे हित हैं, खासकर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी). इसलिए चीन की पाकिस्तान के प्रति प्रतिबद्धता को भारत नजरअंदाज नहीं कर सकता।

थरूर ने स्पष्ट किया कि भारत ने सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है, जबकि पाकिस्तान के पास भारत में ऐसे कोई ठिकाने नहीं हैं। उन्होंने कहा, भारत में कोई आतंकी संगठन नहीं हैं जिनको संयुक्त राष्ट्र या अमेरिका के विदेश विभाग ने सूचीबद्ध किया हो। तो फिर पाकिस्तान किसे निशाना बनाएगा? निर्दोष लोगों को? यही इस संघर्ष की असमानता है।

थरूर के अनुसार, हमने कोशिश की कि हमारा जवाब सटीक, सीमित और शांति का संदेश देने वाला हो। हमारा उद्देश्य पाकिस्तान के आम नागरिकों को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि आतंकवाद का जवाब देना था।

थरूर ने कहा कि किसी ने भारत से सबूत नहीं मांगे क्योंकि किसी को कोई शक नहीं था। भारत ने कार्रवाई से पहले पूरी तरह विश्वसनीय जानकारी हासिल की थी। उन्होंने कहा पाकिस्तान 37 सालों से आतंकवादी हमले करता आ रहा है और हर बार इनकार करता रहा है। मुंबई हमलों पर भी पाकिस्तान ने इनकार किया था, और दुनिया जानती है कि ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान की मिलिट्री छावनी के पास सुरक्षित ठिकाने में छिपा रखा गया था। यही पाकिस्तान की असलियत है - आतंकवाद भेजो, फिर इनकार करो।

थरूर ने बताया कि भारत ने हर स्तर पर कूटनीतिक रूप से जानकारी साझा की। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में सिविल और मिलिट्री अधिकारियों ने नियमित ब्रीफिंग दी। उन्होंने एक खास बात पर ध्यान दिलाते हुए कहा कि इन ब्रीफिंग्स में सेना की महिला अधिकारी भी शामिल थीं, जिनमें एक मुस्लिम अधिकारी भी थीं। हमने यह संदेश स्पष्ट रूप से दिया कि यह हिंदू बनाम मुस्लिम नहीं है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुट भारत की लड़ाई है। और यह बात अमेरिकी अधिकारियों तक अच्छे से पहुंची।

कुछ अन्य वेब स्टोरीज

Story 1

दीदी तेरा देवर दीवाना पर मियां-बीवी का धमाल, रोमांटिक डांस देख उड़े होश

Story 1

पेड़ पर बंदर का लकी ड्रा : 500 के नोटों की बारिश से कोडाइकनाल में हड़कंप

Story 1

डेब्यू का सपना टूटा: घातक गेंदबाज चोटिल, दौरे से बाहर!

Story 1

विजय रूपाणी का अंतिम संस्कार: इस दुख में हमें जो चाहिए...

Story 1

पुणे-दौंड ट्रेन में आग: शॉर्ट सर्किट से मची अफरा-तफरी, यात्री हिरासत में!

Story 1

इजरायल का बम गिरा, लाइव शो में पढ़ रही एंकर, कैमरे में कैद हुआ खौफनाक मंजर

Story 1

लाइव न्यूज के दौरान इजरायली हमले से दहला ईरानी टीवी स्टूडियो!

Story 1

विदेशी सांसद ने छुए पीएम मोदी के पैर, वीडियो में दिखा प्रधानमंत्री का रिएक्शन

Story 1

यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान: PM मोदी को साइप्रस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान

Story 1

जिप लाइन हादसा या लापरवाही? मनाली में 30 फीट नीचे गिरी लड़की का सच