महाराष्ट्र एटीएस ने ठाणे के पडघा गांव में प्रतिबंधित आतंकी संगठन SIMI से जुड़े साकिब नाचन के ठिकानों पर छापेमारी की। दस घंटे चले तलाशी अभियान में मोबाइल हैंडसेट, तलवारें, छुरी और कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाले आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।
साकिब की जांच में गजवा-ए-हिंद की एक अंतरराष्ट्रीय साजिश का खुलासा हुआ है। साकिब ने ठाणे स्थित अपने गांव पडघा को अल शाम यानी इस्लामिक स्टेट घोषित कर दिया था। अल शाम का अर्थ है इस्लामिक शासन वाला क्षेत्र, जहाँ शरिया कानून लागू होगा।
2011 की जनगणना के अनुसार, पडघा में 83% मुस्लिम आबादी है। साकिब ने गजवा-ए-हिंद का पहला प्रयोग यहीं किया और भारत की जमीन पर एक गांव को अल शाम घोषित कर दिया। यह साकिब का टेस्टिंग ग्राउंड था, वह पूरे भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करना चाहता था। इसके लिए वह अंतरराष्ट्रीय कट्टरपंथी नेटवर्क से जुड़ा हुआ था।
आतंकी संगठन ISIS साकिब के अल शाम में तिरंगा नहीं, ISIS का झंडा फहराना चाहता था। भारत के संविधान का कानून नहीं, शरिया कानून लागू होगा। अपराधियों को सजा देने के लिए कोर्ट नहीं, मजहबी पुलिस और शरिया कोर्ट होगी। बेटियां स्कूल, कॉलेज नहीं जाएंगी, उन्हें बुर्के में कैद रहना होगा। इस्लाम नहीं मानने वालों को दूसरे दर्जे का नागरिक माना जाएगा और उन पर जजिया जैसे कर लगाए जा सकते हैं।
साकिब 1980 के दशक में अफगानिस्तान में शरिया शासन के लिए कट्टरपंथियों से मिलकर सोवियत संघ के खिलाफ लड़ा। 1990 में पाकिस्तान में ट्रेनिंग कैंप लगाकर भारत में शरिया शासन के लिए लड़ाकों को प्रशिक्षित किया। वह पाकिस्तान की बदनाम खुफिया एजेंसी ISI के K2 यानी कश्मीर, खालिस्तान प्लान में भी शामिल था। 2003 से वह प्रतिबंधित आतंकी संगठन SIMI से जुड़ा। उसका कनेक्शन भगोड़े जाकिर नाइक से भी था। दिसंबर 2024 में उसने ISIS पर बैन लगाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
साकिब की कट्टरपंथी सोच का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने अपने बेटे का नाम चेचन्या के कट्टरपंथी आतंकी शमील बसायेव के नाम पर रखा, जो 2002 में मॉस्को थिएटर में दर्शकों को बंधक बनाने और 2004 में बेसलान स्कूल नरसंहार का मास्टरमाइंड था।
साकिब ने 2002-03 में मुंबई में सीरियल धमाकों की साजिश रची थी, जिनमें कई लोगों की जान गई थी। उसके घर पर पिछली बार हुई छापेमारी में 44 ड्रोन मिले थे, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे किस काम में इस्तेमाल होने वाले थे।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, देश की सुरक्षा के लिए हर व्यक्ति को देश के प्रति समर्पित रहना चाहिए। एक साकिब की साजिश का पर्दाफाश हुआ है, लेकिन ऐसे कितने ही साकिब देश के कोने-कोने में बैठकर गजवा-ए-हिंद की साजिश रच रहे हैं। इसलिए जागरूक और सतर्क रहने की आवश्यकता है, ताकि साकिब जैसे देश के दुश्मनों को पहचाना जा सके और उनकी साजिश को नाकाम किया जा सके।
#DNAWithRahulSinha | मुंबई से सिर्फ 70KM दूर.. इस्लामिक रूल ! भारत में शरिया शासन ..आशंका नहीं, सच!
— Zee News (@ZeeNews) June 3, 2025
पहले गांव..फिर शहर..फिर पूरा देश?#DNA #ShariaLaw #Maharashtra @RahulSinhaTV pic.twitter.com/q5Hhx1qXr9
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