इंसानों के दिमाग को सीधे कंप्यूटर से जोड़ने का सपना अब सच होता दिख रहा है। अमेरिका की पैराड्रॉमिक्स कंपनी ने पहली बार इंसान के दिमाग में एक खास डिवाइस लगाने में सफलता पाई है।
यह डिवाइस हमारे दिमाग के सोचने के तरीके को टेक्स्ट, आवाज या कंप्यूटर कमांड में बदल सकती है। इसकी मदद से वे लोग जो बोल नहीं सकते या चल-फिर नहीं सकते, फिर से दुनिया से बात कर सकेंगे।
पैराड्रॉमिक्स ने पहली बार एक इंसान के ब्रेन में अपना डिवाइस सफलतापूर्वक इम्प्लांट किया है। यह ऑपरेशन 14 मई को मिशिगन यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों ने मिलकर किया।
यह इम्प्लांट करीब 10 मिनट के लिए लगाया गया और फिर सुरक्षित रूप से निकाल भी लिया गया। इससे पहले कंपनी ने लगभग तीन साल तक भेड़ों पर इसका परीक्षण किया था।
यह डिवाइस Connexus नाम से जाना जा रहा है और इसका उद्देश्य ब्रेन के संकेतों को बोलने, लिखने या कंप्यूटर कर्सर को चलाने जैसे कार्यों में बदलना है।
ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो हमारे दिमाग और किसी मशीन (जैसे कंप्यूटर) को आपस में जोड़ती है। इसका मतलब है कि इंसान बिना हाथ-पैर हिलाए, सिर्फ दिमाग से मशीन को कंट्रोल कर सकता है।
इस टेक्नोलॉजी का आइडिया सबसे पहले 1973 में जैक्स विडाल ने दिया था। साल 2003 में ड्यूक यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने दिखाया कि बंदर अपने दिमाग में लगे इलेक्ट्रोड्स की मदद से एक रोबोटिक हाथ को हिला सकते हैं।
2004 में मैट नैगल नाम के एक युवा खिलाड़ी ने इस टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर का माउस कर्सर और एक नकली हाथ चलाने में सफलता पाई।
पैराड्रॉमिक्स नाम की कंपनी ऐसे लोगों की मदद करना चाहती है जो लकवा, स्ट्रोक या ALS जैसी बीमारियों से बोलने या हिलने-डुलने में असमर्थ हो गए हैं।
पैराड्रॉमिक्स की यह सफलता एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक के लिए एक बड़ी चुनौती मानी जा रही है। न्यूरालिंक इस समय ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस की सबसे चर्चित कंपनी है और अब तक तीन मरीजों को अपना ब्रेन इम्प्लांट लगा चुकी है।
कंपनी का कहना है कि वह इस साल के अंत तक इंसानों पर एक लंबी अवधि वाला ट्रायल शुरू करेगी, ताकि यह देखा जा सके कि टेक्नोलॉजी कितनी सुरक्षित और प्रभावी है।
कंपनी ने बताया है कि आगे चलकर यह डिवाइस करीब 1 लाख डॉलर यानी लगभग 83 लाख रुपये में मिल सकता है। अगर सब कुछ सही रहा, तो इसे इस दशक के आखिर तक बाजार में लाने की योजना है।
यह टेक्नोलॉजी उन लोगों की मदद कर सकती है जिनके दिमाग में कोई बीमारी है। इसके अलावा यह इंसानों को कंप्यूटर और इंटरनेट जैसी डिजिटल चीजों से भी जोड़ सकती है।
These people are demons. Here’s the video of the new neural devices BCI’s brain implants in clinical trials. They first started on sheep and pigs and are now moving to the Internet of human bodies. There are now dozens of companies (Main 3 are Neuralink, Synchron owned by Bill… pic.twitter.com/MQnUFMceaa
— Christopher Greene 😎🏝🚀⛵️ (@amtvmedia) June 2, 2025
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