प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की। विकसित भारत के लिए विकसित राज्य 2047 बैठक का मुख्य विषय था।
बैठक में केंद्रीय मंत्री, नीति आयोग के उपाध्यक्ष, सदस्य, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल शामिल हुए। तमिलनाडु, पंजाब, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहे, जिन्होंने पिछली बैठक का बहिष्कार किया था। हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बैठक में भाग नहीं लिया।
बैठक का मुख्य उद्देश्य इस बात पर विचार करना था कि राज्य भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में किस प्रकार आधारशिला की भूमिका निभा सकते हैं। यह बैठक ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री मोदी की सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों के साथ पहली बड़ी बातचीत थी।
पीएम मोदी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि भारत को विकास की गति बढ़ानी होगी। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र और सभी राज्य टीम इंडिया की तरह मिलकर काम करें तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्रियों/उपराज्यपालों/प्रशासकों द्वारा एजेंडा मदों पर हस्तक्षेप पर सत्र का संचालन किया।
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि प्रत्येक राज्य को कम से कम एक ऐसा पर्यटन स्थल विकसित करना चाहिए जो अंतरराष्ट्रीय स्तर का हो और जहां सभी आवश्यक सुविधाएं और ढांचा उपलब्ध हों। उन्होंने एक राज्य, एक वैश्विक पर्यटन स्थल की सोच को बढ़ावा दिया, जिससे न केवल वह स्थान विकसित होगा बल्कि आसपास के शहरों में भी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने विकसित भारत को हर भारतीय का लक्ष्य बताया। उन्होंने कहा कि जब हर राज्य विकसित होगा, तभी भारत विकसित होगा। यह 140 करोड़ नागरिकों की आकांक्षा है। उन्होंने 2047 तक विकसित भारत बनाने के लक्ष्य पर जोर दिया और हर राज्य, शहर, नगरपालिका और गांव को विकसित करने का आह्वान किया।
नीति आयोग की बैठक के एजेंडे में विकसित राज्य, विकसित भारत 2047 के लिए उद्यमिता, रोजगार और कौशल विकास को बढ़ावा देना, जनसंख्या के लाभ को अवसर में बदलना, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस इकोसिस्टम तैयार करना, टियर 2 और 3 शहरों पर ध्यान केंद्रित करना, MSME और अनौपचारिक रोजगार, ग्रामीण गैर-कृषि और शहरी ग्रीन इकोनॉमी में अवसर, सर्कुलर इकोनॉमी और नवीकरणीय ऊर्जा शामिल थे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने नीति आयोग की बैठक पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब सत्ता में बैठे लोग सामाजिक सौहार्द को तोड़ने में लगे हों तो कैसा विकसित भारत होगा? उन्होंने संसद, न्यायपालिका, विश्वविद्यालयों, मीडिया और संवैधानिक संस्थाओं की स्वायत्तता को कुचले जाने और देश की आर्थिक विषमता बढ़ने पर भी चिंता जताई। उन्होंने नीति आयोग को एक अयोग्य बॉडी बताते हुए इस बैठक को पाखंड और ध्यान भटकाने का प्रयास बताया।
Prime Minister, Shri Narendra Modi chairs the 10th Governing Council Meeting of NITI Aayog at Bharat Mandapam in New Delhi today on the theme, Viksit Rajya for Viksit Bharat@2047.
— NITI Aayog (@NITIAayog) May 24, 2025
The meeting provides a platform for the Centre and States/UTs to deliberate on measures to advance… pic.twitter.com/5uZ2ecZxar
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