सहदेव सिंह गोहिल: BSF-नेवी की जानकारी बेचने वाला कौन है? कितने में बिका देश?
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गुजरात एटीएस ने कच्छ सीमा से एक हेल्थ वर्कर सहदेव सिंह गोहिल को गिरफ्तार किया है। सहदेव पर आरोप है कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को BSF और इंडियन नेवी की गुप्त जानकारियां भेज रहा था।

सहदेव सिंह गोहिल गुजरात के कच्छ जिले के सीमावर्ती क्षेत्र का निवासी है। वह 2023 से पाक एजेंट के संपर्क में था और पैसे लेकर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों से जुड़ी सूचनाएं लीक कर रहा था।

जुलाई 2023 में अदिति भारद्वाज नाम की एक महिला पाकिस्तानी एजेंट ने सहदेव सिंह से संपर्क साधा। वह WhatsApp चैटिंग और कॉलिंग के जरिए लगातार संपर्क में रही। जनवरी 2025 में सहदेव ने अपने नाम से एक भारतीय सिम कार्ड लिया और फरवरी में उसका OTP पाक एजेंट को भेजकर सिम की एक्सेस पाकिस्तान को दे दी। इसके बाद WhatsApp कॉलिंग और चैटिंग के जरिए संवेदनशील जानकारियों का आदान-प्रदान शुरू हुआ।

सहदेव सिंह गोहिल ने पाकिस्तान को BSF और इंडियन नेवी की तैनाती और मूवमेंट की जानकारी, सीमा क्षेत्र की फोटोज और लोकेशन डिटेल्स, गुप्त प्लानिंग और सामरिक गतिविधियों की इनसाइड डिटेल भेजी। कुल मिलाकर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी अहम सूचनाएं लीक की गईं। ये सभी जानकारियां भारत के लिए अत्यंत संवेदनशील मानी जाती हैं।

अदिति भारद्वाज पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की एजेंट है। उसने जनवरी 2025 में सहदेव से भारतीय सिम कार्ड का OTP लेकर सिम की कंट्रोल पाकिस्तान को सौंप दी थी।

एटीएस के मुताबिक, सहदेव सिंह को जासूसी के बदले ₹40,000 तक की रकम मिल चुकी थी। वह एक कॉन्ट्रैक्चुअल एजेंट की तरह काम कर रहा था - यानी मौके के हिसाब से पैसा लेकर सूचनाएं देता था। अभी तक ये साफ नहीं हुआ है कि उसने किसी और को भी इस नेटवर्क में शामिल किया था या नहीं।

23 मई की रात, बीएसएफ जवानों ने गुजरात के बनासकांठा जिले में भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश कर रहे एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को मार गिराया।

सहदेव का मोबाइल फोन और डिजिटल डिवाइस FSL भेज दिए गए हैं। चैट हिस्ट्री, मीडिया फाइल्स और कॉल डिटेल्स की जांच हो रही है। फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन और बैंक अकाउंट की भी पड़ताल की जा रही है। ATS को शक है कि ये कोई एक व्यक्ति का काम नहीं है, बल्कि एक पूरे नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है।

यह मामला साफ करता है कि पाकिस्तान अब सिर्फ पारंपरिक जासूसी नहीं, बल्कि डिजिटल नेटवर्क के जरिए भारतीय नागरिकों को टारगेट कर रहा है। छोटे शहरों और सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोग आसान शिकार बन रहे हैं। WhatsApp और OTP के जरिए सिम कार्ड तक की डिजिटल एक्सेस ट्रांसफर की जा रही है।

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