खून और पानी अब नहीं बहेगा साथ : सिंधु जल संधि टूटने का जिम्मेदार पाकिस्तान, UN में भारत का कड़ा रुख
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संयुक्त राष्ट्र: भारत ने संयुक्त राष्ट्र में सिंधु जल संधि को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। भारत ने पाकिस्तान को इस संधि को तोड़ने का जिम्मेदार ठहराया है।

यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने पाकिस्तान पर दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया और कहा कि पाकिस्तान ने तीन युद्ध और हजारों आतंकवादी हमले करके इस संधि की भावना का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादी हमलों के जरिए भारतीयों का खून बहाया है और ऐसे में हमारे नागरिकों का खून बहाने वाले पाकिस्तान को पानी नहीं दिया जा सकता।

हरीश ने स्लोवेनिया के स्थायी मिशन द्वारा आयोजित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत हमेशा नदी के ऊपरी तट पर स्थित देश होने के नाते जिम्मेदाराना तरीके से काम करता रहा है।

हरीश ने बताया कि पाकिस्तान पिछले 65 सालों से सिंधु जल समझौते की सद्भावना पर प्रहार करता आ रहा है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखने का निर्णय लिया। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे।

भारतीय दूत ने रेखांकित किया कि पिछले चार दशकों में पाकिस्तान की ओर से किए गए आतंकवादी हमलों में 20,000 से अधिक भारतीयों की जान गई है। उन्होंने कहा कि भारत ने इस पूरी अवधि में असाधारण धैर्य और उदारता दिखाई है, लेकिन पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद का उद्देश्य आम नागरिकों के जीवन, धार्मिक सद्भाव और आर्थिक समृद्धि को नुकसान पहुंचाना रहा है।

हरीश ने बताया कि भारत ने पिछले दो साल में कई मौकों पर पाकिस्तान से संधि में संशोधनों पर चर्चा करने के लिए कहा, लेकिन इस्लामाबाद इससे इनकार करता रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का बाधा डालने वाला दृष्टिकोण भारत द्वारा वैध अधिकारों के पूर्ण उपयोग को रोकता है।

हरीश ने कहा कि पिछले 65 साल में न केवल सीमा पार आतंकवादी हमलों के माध्यम से बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के संदर्भ में, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन, जलवायु परिवर्तन और जनसांख्यिकीय परिवर्तन की बढ़ती आवश्यकताओं के संदर्भ में भी दूरगामी मौलिक परिवर्तन हुए हैं। उन्होंने कहा कि बांध के बुनियादी ढांचे के लिए प्रौद्योगिकी में बदलाव किया गया है ताकि पानी के उपयोग एवं संचालन की दक्षता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

हरीश ने कहा कि पाकिस्तान इस बुनियादी ढांचे में संधि के तहत स्वीकार्य किसी भी बदलाव और प्रावधानों में किसी भी संशोधन को लगातार रोकता रहा है। उन्होंने कहा कि 2012 में आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर में तुलबुल नौवहन परियोजना पर भी हमला किया था।

हरीश ने कहा कि जब तक आतंकवाद का वैश्विक केंद्र पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से समाप्त नहीं कर देता, तब तक यह संधि स्थगित रहेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान बार-बार सिंधु जल संधि का उल्लंघन कर रहा है।

इससे पहले दिन में, हरीश ने सशस्त्र संघर्ष के दौरान आम नागरिकों की सुरक्षा विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस में पाकिस्तान को कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पाकिस्तान के घोर पाखंड की निंदा करते हुए कहा कि एक ऐसा देश जो आतंकवादियों और आम नागरिकों के बीच कोई अंतर नहीं करता, उसके पास आम नागरिकों की सुरक्षा पर बात करने का कोई हक नहीं है।

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