इंडिगो फ्लाइट में मौत से संघर्ष: 227 यात्रियों ने कैसे जीती जिंदगी की जंग!
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21 मई 2025 की शाम दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो की फ्लाइट IGO262E में सवार 227 यात्रियों को अंदाजा भी नहीं था कि उन्हें कैसा भयानक अनुभव होने वाला है।

दिल्ली के मौसम में अचानक बदलाव आया। धूल भरी आंधी, बारिश और ओले गिरने लगे। इस खराब मौसम के कारण फ्लाइट भयंकर एयर टर्बुलेंस में फंस गई।

एक मिनट से भी कम समय में विमान 1200 मीटर (लगभग एक किलोमीटर) नीचे गिर गया। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि उन पलों की कहानी है जब मौत और जिंदगी के बीच जंग चल रही थी।

फ्लाइट कैप्टन और को-पायलट के बीच बत्तियां जलने लगीं, तेज आवाजें आईं। उस हवा में विमान को स्थिर रख पाना आसान नहीं था। उन्होंने लगातार भारतीय वायुसेना के नियंत्रण केंद्र से संपर्क बनाए रखा। विमान को कई झटके लगे, लेकिन वे हर बार हिम्मत से विमान को संभालते रहे।

पायलटों ने खराब मौसम से बचने के लिए भारत के उत्तरी नियंत्रण केंद्र से पाकिस्तान की सीमा की तरफ मार्ग बदलने की अनुमति मांगी, लेकिन सुरक्षा कारणों से मना कर दिया गया।

इसके बाद लाहौर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने भी भारतीय विमान को हवाई क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी।

कहा जा रहा है कि हाल ही में पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था, जिसके बाद पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र को भारत के लिए बंद कर रखा था। इस वजह से पायलटों को कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं मिल रहा था।

शुरू में उन्होंने दिल्ली लौटने की योजना बनाई, लेकिन खराब मौसम के बावजूद उन्होंने हिम्मत दिखाई और श्रीनगर के लिए उड़ान जारी रखने का साहसिक फैसला लिया।

भारतीय वायुसेना ने विमान की नेविगेशन में मदद की। उन्होंने दिल्ली एयर कंट्रोल सेंटर के माध्यम से लाहौर एयर कंट्रोल की फ्रीक्वेंसी उपलब्ध कराई, ताकि पायलट वहां से संपर्क कर सकें। जब लाहौर ने अनुमति नहीं दी तो भारतीय वायुसेना ने विमान को सही दिशा में मार्गदर्शन दिया। वे लगातार पायलटों को रफ्तार और दिशा की जानकारी देते रहे।

यह एक जीवंत लड़ाई थी, जहां न केवल मौसम से, बल्कि मानवीय और राजनीतिक बाधाओं से भी जूझना पड़ रहा था।

विमान में लगे तेज झटकों और असामान्य नीचे आने की गति ने यात्रियों की हिम्मत तो डगमगा दी, लेकिन चालक दल की काबिलियत और एयरफोर्स की त्वरित सहायता ने अंततः विमान को सुरक्षित श्रीनगर एयरपोर्ट पर उतारा। 227 यात्री जिनकी जान जोखिम में थी, सभी सकुशल उतरे।

इस आपदा के बाद DGCA ने बताया कि पायलटों ने विमान को मैन्युअली नियंत्रित किया और सुरक्षा को प्राथमिकता दी।

इंडिगो फ्लाइट 6E-2142 का आगे का हिस्सा टूट गया था जब वह ओलों में फंसी। Indigo ने प्लेन को AOG घोषित कर दिया है, जिसका मतलब है कि तकनीकी समस्याओं के कारण प्लेन ग्राउंडेड है और उड़ान भरने में सक्षम नहीं है।

नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने कहा कि वे इस घटना की जांच कर रहे हैं और DGCA की टीम मामले की पूरी छानबीन कर रही है। उन्होंने पायलटों और क्रू की बहादुरी और दक्षता की सराहना की और कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद यदि कोई लापरवाही पाई गई तो उचित कार्रवाई की जाएगी।

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