सत्यपाल मलिक के खिलाफ CBI चार्जशीट: संजय सिंह बोले, जिंदगी और मौत से जूझ रहे...
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जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और सात अन्य लोगों के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की है। यह चार्जशीट किरू जलविद्युत परियोजना में 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्यों के ठेके में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में दाखिल की गई है।

आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सत्यपाल मलिक पर चार्जशीट दाखिल किए जाने पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, मोदी सरकार निर्दयी है। एक तरफ सत्यपाल मलिक जी अस्पताल में भर्ती हैं। जिंदगी मौत से जूझ रहे हैं और सीबीआई ने आज उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है।

सीबीआई ने तीन साल की जांच के बाद सत्यपाल मलिक और उनके दो सहयोगियों वीरेंद्र राणा और कंवर सिंह राणा को आरोपी बनाते हुए स्पेशल कोर्ट के सामने चार्जशीट दाखिल की है।

चार्जशीट में चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (सीवीपीपीपीएल) के तत्कालीन प्रबंध निदेशक एमएस बाबू, कंपनी के निदेशकों अरुण कुमार मिश्रा व एम.के. मित्तल, निर्माण कंपनी पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के प्रबंध निदेशक रूपेन पटेल और कंवलजीत सिंह दुग्गल नाम के व्यक्ति भी शामिल हैं।

सत्यपाल मलिक ने गुरुवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि वह अस्पताल में भर्ती हैं और किसी से बात करने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें कई शुभचिंतकों के फोन आ रहे हैं, लेकिन वह बात करने में असमर्थ हैं।

पिछले साल फरवरी में सीबीआई ने मामले के सिलसिले में सत्यपाल मलिक और अन्य लोगों के परिसरों पर छापेमारी की थी। सीबीआई ने 2022 में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद एक बयान में कहा था कि यह मामला 2019 में किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर (एचईपी) परियोजना के सिविल कार्यों के लगभग 2,200 करोड़ रुपये के ठेके एक निजी कंपनी को देने में कथित गड़बड़ी से संबंधित है।

सत्यपाल मलिक, जो 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे थे, ने दावा किया था कि उन्हें परियोजना से संबंधित एक फाइल सहित दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी।

एजेंसी द्वारा पिछले वर्ष छापेमारी किये जाने के बाद मलिक ने उनके ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से इनकार किया था। उन्होंने कहा था कि जिन लोगों के बारे में उन्होंने शिकायत की थी और जो भ्रष्टाचार में शामिल थे, उनकी जांच करने के बजाय सीबीआई ने उनके आवास पर छापा मारा।

मलिक ने कहा था कि सीबीआई अधिकारियों को चार से पांच कुर्ते और पायजामा के अलावा कुछ नहीं मिलेगा। उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार एजेंसियों का दुरुपयोग कर उन्हें डराने की कोशिश कर रही है।

केंद्रीय एजेंसी ने सीवीपीपीपीएल के तत्कालीन अध्यक्ष नवीन कुमार चौधरी और बाबू, मित्तल और मिश्रा के अलावा निर्माण कंपनी पटेल इंजीनियरिंग सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

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