अमेरिका गोल्डन डोम नामक एक महत्वाकांक्षी मिसाइल डिफेंस सिस्टम परियोजना पर काम कर रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस परियोजना की घोषणा की है, जिसकी अनुमानित लागत 175 बिलियन डॉलर आंकी जा रही है। यदि अमेरिका इस सिस्टम को विकसित करने में सफल होता है, तो यह दुश्मनों के नापाक मंसूबों को नाकाम करने में सक्षम होगा।
गोल्डन डोम अमेरिका का एक प्रस्तावित अत्याधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम है। इसका मुख्य उद्देश्य बैलिस्टिक मिसाइलों, ड्रोन और अन्य हवाई हमलों से अमेरिका की रक्षा करना है। सरल शब्दों में, इस सिस्टम के निर्माण से अमेरिका के चारों ओर एक ऐसी अदृश्य दीवार खड़ी हो जाएगी जिसे दुश्मन भेद नहीं पाएंगे।
ट्रंप ने गोल्डन डोम परियोजना के ऐलान के साथ ही इसके शुरू होने का समय भी बताया है। उनका कहना है कि उनके कार्यकाल के अंत तक गोल्डन डोम सिस्टम चालू हो जाएगा, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि अमेरिका 2029 तक इसे बना सकता है।
ट्रंप ने यह भी कहा कि रोनाल्ड रीगन सालों पहले इसे बनाना चाहते थे, लेकिन उनके पास उपयुक्त तकनीक नहीं थी। उन्होंने अपने चुनाव प्रचार के दौरान अमेरिकियों से वादा किया था कि वे देश को विदेशी मिसाइल हमलों से बचाने के लिए अत्याधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम बनाएंगे, और आज वे यही कर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, ओवल ऑफिस से बोलते हुए ट्रंप ने उम्मीद जताई कि यह मिसाइल डिफेंस सिस्टम उनके कार्यकाल के अंत से पहले पूरी तरह से चालू हो जाएगा। इसमें अंतरिक्ष से प्रक्षेपित मिसाइलों को भी रोकने की क्षमता होगी।
आयरन डोम से प्रेरित होकर अमेरिका ने गोल्डन डोम को विकसित करने का निर्णय लिया है। यह एक अंतरिक्ष आधारित मिसाइल डिफेंस सिस्टम होगा, जिसमें लॉन्ग-रेंज रडार, स्पेस-बेस्ड इन्फ्रारेड सिस्टम (SBIRS), ग्राउंड-बेस्ड मिडकोर्स डिफेंस (GMD) जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। यह सिस्टम इजरायल के आयरन डोम से प्रेरित है, लेकिन यह अधिक शक्तिशाली और लंबी दूरी की मिसाइलों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया जा रहा है।
गोल्डन डोम सैटेलाइट के एक पूरे नेटवर्क पर काम करेगा। यह आने वाले खतरों का पता लगाएगा, उन्हें ट्रैक करेगा और फिर उन्हें नष्ट कर देगा। मिसाइलों का पता लगाने और उनकी निगरानी के लिए यह सिस्टम सैकड़ों सैटेलाइट्स को तैनात करने में सक्षम होगा। गोल्डन डोम हाइपरसोनिक, सुपरसोनिक, एडवांस क्रूज मिसाइलों को हवा में ही तबाह करने में सक्षम होगा। एलन मस्क की स्पेसएक्स को गोल्डन डोम के कुछ महत्वपूर्ण हिस्सों को विकसित करने का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है।
यह सिस्टम अंतरिक्ष आधारित सेंसर से लैस होगा, जिसका अर्थ है कि दुनिया के किसी भी कोने से अमेरिका की ओर बढ़ने वाले खतरे को अंतरिक्ष में मौजूद सेंसर भांप लेंगे और गोल्डन डोम को सक्रिय कर देंगे।
हाल के वर्षों में, दुनिया के कई देशों में संघर्ष देखने को मिला है, जिससे हवाई हमलों को निष्क्रिय करने वाली 100% प्रभावी तकनीक की आवश्यकता महसूस हुई है। ट्रंप का मानना है कि अमेरिका के मौजूदा मिसाइल डिफेंस सिस्टम पर्याप्त नहीं हैं, और गोल्डन डोम अधिक उन्नत और शक्तिशाली होगा।
#WATCH | US President Donald Trump says, As we make a historic announcement about the Golden Dome Missile Defence shield. That s something we want. Ronald Reagan (40th US President) wanted it many years ago, but they didn t have the technology. But it s something we re going to… pic.twitter.com/YeZGgfc2rH
— ANI (@ANI) May 20, 2025
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