डॉक्टर डेथ : सीरियल किलर पुजारी बनकर आश्रम में, लाशें मगरमच्छ को खिलाता था!
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दिल्ली पुलिस ने सोमवार शाम राजस्थान से देवेंद्र शर्मा (67) नामक एक सीरियल किलर को गिरफ्तार किया है. वह दौसा जिले के एक आश्रम में पुजारी का भेष बदलकर रह रहा था.

आयुर्वेदिक डॉक्टर से सीरियल किलर बने शर्मा पिछले साल पैरोल पर छूटने के बाद से फरार था. उसके खिलाफ कई लोगों की हत्या का मामला दर्ज है और उसे दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा में 7 अलग-अलग मामलों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. गुरुग्राम की एक अदालत ने उसे मृत्युदंड भी दिया था. पुलिस को संदेह है कि वह 50 से ज्यादा हत्याओं के मामलों में शामिल है.

शर्मा 2002 से 2004 के बीच कई टैक्सी और ट्रक चालकों की निर्मम हत्याओं के लिए तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था. उसने अगस्त 2023 में पैरोल पर बाहर आने के बाद दोबारा अपराध करना शुरू कर दिया.

शर्मा और उसके साथी ड्राइवरों को फ़र्ज़ी यात्रा के लिए बुलाते थे, उनकी हत्या करते थे और उनके वाहनों को ब्लैक मार्केट में बेच देते थे. सबूत मिटाने के लिए शवों को उत्तर प्रदेश के कासगंज में हजारा नहर के मगरमच्छों से भरे पानी में फेंक दिया जाता था.

शर्मा का लंबा आपराधिक इतिहास है, जिसमें हत्या, अपहरण और डकैती के कम से कम 27 मामले शामिल हैं. वह पहली बार 1995 से 2004 के बीच अवैध गुर्दा प्रतिरोपण रैकेट चलाने के लिए कुख्यात हुआ था.

बीएएमएस डिग्री धारक शर्मा ने राजस्थान में एक क्लिनिक खोला था. उसने पुलिस के सामने कई राज्यों में डॉक्टरों और बिचौलियों की मदद से 125 से अधिक अवैध प्रतिरोपण कराने की बात स्वीकार की थी.

1995 से 2004 के बीच उसने एक गिरोह बनाया जो कथित तौर पर एलपीजी सिलेंडर ले जा रहे ट्रकों को रोकता था, चालकों को मारता था और खेप चुरा लेता था. उसने टैक्सी चालकों की लक्षित हत्याएं भी कीं. उसका गिरोह ट्रक को कबाड़ के तौर पर बाजार में बेच देता था.

शर्मा पर दो दर्जन से ज़्यादा लोगों की हत्या करने का संदेह है. वह एक गिरोह का भी हिस्सा था और कथित तौर पर हर मामले के लिए सात लाख रुपये वसूल करता था.

शर्मा को गुर्दा गिरोह और सिलसिलेवार हत्याओं के संबंध में 2004 में गिरफ्तार किया गया था. वह तिहाड़ जेल में अपनी सजा काट रहा था और अगस्त 2023 में पैरोल पर रिहा होने के बाद से फरार था.

अपराध शाखा को उसकी तलाश का काम सौंपा गया था. अलीगढ़, जयपुर, दिल्ली, आगरा और प्रयागराज सहित कई शहरों में छह महीने तक चले अभियान के बाद टीम ने उसके दौसा के एक आश्रम में होने का पता लगाया, जहां वह झूठी पहचान के साथ आध्यात्मिक व्यक्ति के रूप में रह रहा था.

यह पहली बार नहीं है जब शर्मा पैरोल पर छूटने के बाद फरार हुआ था. उसे 28 जनवरी, 2020 को 20 दिन की पैरोल दी गई थी, लेकिन जुलाई में अपराध शाखा द्वारा दिल्ली से गिरफ्तार किए जाने से पहले वह सात महीने तक फरार रहा.

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