मुस्लिम प्रोफेसर गिरफ्तार, भाजपा मंत्री आजाद: इल्तिजा मुफ्ती का तंज
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जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने देश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया पर तंज कसा है। उन्होंने अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद और मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के खिलाफ चल रही कानूनी कार्रवाई पर अपनी राय जाहिर की है।

इल्तिजा ने अपने एक्स पोस्ट में भारत में विचारशील मुसलमानों की आजादी पर सवाल उठाया है।

उन्होंने लिखा, एक विद्वान मुस्लिम प्रोफेसर ने प्यार, सहनशीलता, स्वतंत्रता और करुणा जैसे मूल्यों पर बात की। जबकि एक भाजपा मंत्री ने कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन कहकर उनका अपमान किया। प्रोफेसर को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि भाजपा मंत्री आजाद घूम रहे हैं। क्या हम जैसे तर्कशील मुस्लिम नए भारत में तभी आजाद होंगे जब हम लोबोटॉमी करवाएंगे?

इल्तिजा का इशारा प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी और मंत्री विजय शाह के खिलाफ कार्रवाई न होने की ओर था।

प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को हरियाणा पुलिस ने ऑपरेशन सिंदूर पर विवादित पोस्ट करने के आरोप में 18 मई को गिरफ्तार किया था। उन पर भारतीय सेना की महिला अधिकारियों - कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह का अपमान करने का आरोप है। FIR में उनके पोस्ट को देश-विरोधी बताया गया है।

दूसरी ओर, बीजेपी के मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादी की बहन कहकर विवाद खड़ा कर दिया था। आरोप है कि उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई।

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर शाह के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। विजय शाह के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, जिसने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। फिलहाल, मंत्री विजय शाह गिरफ्तारी से बचे हुए हैं, जबकि प्रोफेसर महमूदाबाद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

दिलचस्प बात यह है कि दोनों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत एक जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। ये धाराएं हैं: 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाला काम), 196 (1)(b) (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), और 197 (1)(c) (राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक दावे)।

प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के मामले में ये धाराएं हरियाणा भाजपा युवा मोर्चा के महासचिव योगेश जठेड़ी की शिकायत के आधार पर दर्ज FIR में लगाई गई हैं। हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने भी महमूदाबाद के खिलाफ शिकायत दी, जिसके आधार पर BNS की धारा 353 (सार्वजनिक शरारत करने वाले बयान), 79 (किसी महिला को अपमानित करने के इरादे से शब्द, इशारा या काम), और 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरा पहुंचाने वाला काम) के तहत FIR दर्ज की गई है।

प्रोफेसर महमूदाबाद ने दावा किया है कि उन्होंने अपने पोस्ट में कुछ भी गलत नहीं लिखा। उन्होंने जोर दिया कि उनके लिखे पोस्ट को गलत तरीके से समझा गया है।

उन्होंने 8 मई को लिखे अपने पोस्ट में कहा था, मैं कर्नल सोफिया कुरैशी की तारीफ करने वाले बहुत से दक्षिणपंथी विचारकों को देखकर बहुत खुश हूं, लेकिन शायद वे उतनी ही जोर से यह भी माग कर सकते हैं कि मॉब लिंचिंग, मनमाने ढंग से बुलडोजर चलाने और भाजपा के नफरत फैलाने के शिकार लोगों को भारतीय नागरिक के तौर पर सुरक्षा दी जाए।

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