पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के उत्तरी वजीरिस्तान में एक ड्रोन हमला हुआ है. मीर अली इलाके के हुरमज गांव में पाकिस्तान एयरफोर्स पर यह हमला करने का आरोप है.
इस हमले में चार बच्चों की मौत हो गई है और पांच लोग घायल हुए हैं. यह हमला 19 मई को हुआ था. बच्चे अपने घर के बाहर खेल रहे थे, तभी पाकिस्तान एयरफोर्स के क्वाडकॉप्टर ने बम गिरा दिया.
बच्चों की दर्दनाक मौत से खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान समेत पूरे इलाके में गुस्सा है. हुरमज और आसपास के इलाकों के लोग सड़कों पर उतर आए हैं और पाकिस्तान एयरफोर्स की ड्रोन स्ट्राइक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
लोगों का आरोप है कि सेना ने आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर नागरिकों पर बल का प्रयोग किया और निर्दोष बच्चों की जान ले ली. सोशल मीडिया पर हमले की तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिससे लोगों का गुस्सा और बढ़ गया है.
हमले में चार बच्चों की जान गई है. एक महिला और कुछ अन्य बच्चे घायल हुए हैं, जिन्हें मीर अली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
इस घटना के बारे में पूछे जाने पर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ चुप रहे और बिना जवाब दिए वहां से चले गए.
खैबर पख्तूनख्वा के राहत मंत्री हाजी नेक मोहम्मद दावर ने इस हमले की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि सभी तरह के ऑपरेशन और वॉर ऑपरेशन नागरिक आबादी से दूर रखे जाने चाहिए, ताकि आम लोगों, खासकर महिलाओं और बच्चों को कोई नुकसान ना पहुंचे.
जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (JUI-F) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने नेशनल असेंबली में कहा कि अगर आज भी वजीरिस्तान में ड्रोन गिरते हैं, तो वे हिंदुस्तान के ड्रोन्स का जवाब कैसे देंगे?
बलूच लेखक और एक्टिविस्ट मीर यार बलूच ने इस हमले को पाकिस्तानी सेना की क्रूरता करार दिया. उन्होंने कहा कि मारे गए बच्चे पढ़ना, हंसना और जीना चाहते थे, लेकिन सेना ने उनके भविष्य को रौंद दिया.
बलूच यकजेहती कमेटी (BYC) ने भी ड्रोन स्ट्राइक की आलोचना की है और पश्तूनों के नरसंहार की निंदा की है. BYC ने कहा कि सरकार बलूचिस्तान में बलूच देश के खिलाफ नरसंहार की एक सिस्टमैटिक पॉलिसी अपना रही है, उसी तरह पश्तून इलाकों में भी हिंसा और क्रूरता का एक समान पैटर्न जारी है.
पाकिस्तान की सेना पर पहले से ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर है. इस ड्रोन हमले ने पाकिस्तान के अंदर असंतोष को और बढ़ा दिया है. आम लोग और मानवाधिकार संगठन सेना की ताकत और सरकार की चुप्पी पर लगातार सवाल उठा रहे हैं.
قائد جمعیت مولانا فضل الرحمٰن کا قومی اسمبلی کے اجلاس سے اہم خطاب pic.twitter.com/Abeb3cQzgE
— Jamiat Ulama-e-Islam Pakistan (@juipakofficial) May 19, 2025
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