कांग्रेस नेता शशि थरूर आजकल चर्चा में हैं। उन्हें ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दुनिया के कई देशों में भेजे जा रहे एक महत्वपूर्ण प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सौंपा गया है। इस प्रतिनिधिमंडल में अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया शामिल हैं।
इस दल में अमेरिका में पूर्व एम्बेसडर और बीजेपी नेता तरणजीत सिंह संधू, युवा सांसद शांभवी (LJP-R), सरफराज अहमद (JMM), हरीश बालयोगी (TDP), शशांक मणि त्रिपाठी (BJP), भुवनेश्वर कलीता (BJP), मिलिंद मुरली देवड़ा (शिवसेना-शिंदे) और तेजस्वी सूर्या (BJP) भी शामिल हैं।
थरूर को लेकर सियासी हंगामा मचा हुआ है। कांग्रेस का कहना है कि उन्होंने थरूर का नाम सरकार को भेजा ही नहीं था। कांग्रेस की ओर से सुझाए गए नामों में से सिर्फ आनंद शर्मा को ही शामिल किया गया है। दूसरी ओर, थरूर इस अवसर को अपने लिए सम्मान की बात कह रहे हैं।
सवाल ये है कि क्या शशि थरूर बीजेपी की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा हैं? क्या इससे कोई संकेत मिल रहे हैं?
शशि थरूर 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वच्छ भारत मिशन को एक जन आंदोलन बनाने के लिए नामित पहली 9 हस्तियों में से एक थे। थरूर कई मौकों पर केंद्र सरकार और पीएम मोदी के कामों की सराहना कर चुके हैं।
हाल ही में, उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को सटीक और संयमित कार्रवाई बताया था। राफेल डील और पीएम मोदी के अमेरिका दौरे को लेकर भी वे पार्टी लाइन से इतर बयान दे चुके हैं।
दिल्ली में एक परिचर्चा के दौरान थरूर ने रूस-यूक्रेन युद्ध और भारत की कूटनीति पर बयान देकर चर्चा बटोरी थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख की आलोचना करने की वजह से शर्मिंदगी उठानी पड़ी।
इसके बाद, मई में थरूर ने पीएम मोदी के साथ केरल के विजिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह के उद्घाटन अवसर पर मंच साझा किया था, जो काफी चर्चित रहा। पीएम मोदी ने तब कहा था कि थरूर की मौजूदगी से कई लोगों की नींद उड़ जाएगी।
क्या शशि थरूर के बीजेपी में शामिल होने के संकेत मिल रहे हैं? राजनीति के गलियारों में चर्चा है कि क्या बीजेपी थरूर को लेकर कोई खास रणनीति बना रही है।
शशि थरूर के बहाने बीजेपी विपक्षी खेमे में धीरे-धीरे सेंध लगाने में कामयाब हो रही है। अगर थरूर बीजेपी में शामिल होते हैं तो भगवा पार्टी को क्या फायदा हो सकता है?
शशि थरूर एक मुखर नेता और पूर्व विदेश राज्य मंत्री रह चुके हैं। भारत और भारतीयता को लेकर भी उनके कई बयान सुर्खियों में रहे हैं। यूएन में बोलने का भी उन्हें अनुभव है। ऑक्सफोर्ड में 2015 में उनका भाषण काफी लोकप्रिय हुआ था।
अगर थरूर बीजेपी में शामिल होते हैं तो पार्टी इस बहाने केरल में अपने पैर जमा सकती है। दक्षिण में धीरे-धीरे पैर जमाने की कोशिश में बीजेपी के लिए थरूर ट्रंप कार्ड साबित हो सकते हैं। हिंदी और इंग्लिश दोनों में ही थरूर मुखर वक्ता हैं। केरल और तमिलनाडु, दोनों राज्यों में अगले साल चुनाव होने वाले हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव में केरल में बीजेपी ने सभी को चौंका दिया था। बीजेपी ने पहली बार त्रिशूर सीट पर जीत हासिल की। दूसरी ओर शशि थरूर ने बीजेपी के राजीव चंद्रशेखर के खिलाफ सिर्फ 16 हजार 77 वोटों से जीत हासिल की थी।
केरल में लोकसभा की 20 सीटें हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूडीएफ ने 20 में से 15 सीटों पर जीत हासिल की थी। विधानसभा की बात की जाए तो यहां 140 सीटें हैं, जिनमें से वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने 99 सीटों के साथ जीत हासिल की थी। वहीं बीजेपी की अगुवाई वाले NDA का खाता भी नहीं खुला था।
तमिलनाडु में एआईएडीएमके के साथ बीजेपी का गठबंधन हो चुका है। ऐसे में कहा जा रहा है कि दक्षिण के द्वार तमिलनाडु से बीजेपी पैठ जमाकर बाकी राज्यों में भी अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही है।
थरूर को लेकर कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता बयान दे चुके हैं। राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत कह चुके हैं कि सरकार विपक्ष को कमजोर करने और उनमें फूट डलवाने का काम कर रही है। उन्होंने ये भी कहा कि थरूर ने गलती कर दी।
वरिष्ठ नेता पीजे कुरियन ने कहा कि अगर कोई सोचता है कि शशि थरूर भाजपा की ओर बढ़ रहे हैं, तो इसमें संदेह नहीं होना चाहिए। कुरियन के बयान ने राजनीतिक चर्चा को तेज कर दिया है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के सचिव बिनॉय विश्वम ने तो यहां तक कह दिया कि शशि थरूर को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि वे कांग्रेस के अंदर सक्रिय बीजेपी के कथित स्लीपिंग सेल में अपनी जगह तलाश रहे हैं।
Jaipur: On all-party delegation visiting key partner countries as part of India s global outreach against terrorism, former Rajasthan CM Ashok Gehlot says, I believe that four senior Congress leaders are going in the delegation and I am sure that they will play a significant… pic.twitter.com/zPjYQ100Jp
— IANS (@ians_india) May 19, 2025
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