मिशन पाक बेनकाब से ममता की दूरी: क्या युसूफ पठान को न भेजने की है कोई मजबूरी?
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आतंकवाद के खिलाफ भारत के वैश्विक अभियान के तहत, पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए विभिन्न देशों का दौरा करने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने किनारा कर लिया है.

टीएमसी ने केंद्र सरकार को सूचित किया है कि यूसुफ पठान, या पार्टी का कोई अन्य सांसद, इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं होगा. पार्टी का कहना है कि प्रतिनिधिमंडल में कौन सांसद शामिल होगा, यह फैसला केंद्र सरकार नहीं, बल्कि पार्टी खुद करेगी.

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने टीएमसी के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसे मामलों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल जा रहा है, तो वैश्विक स्तर पर ऐसे मुद्दों पर विवाद खड़ा करना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर कोई शिकायत है, तो उस पर आंतरिक रूप से चर्चा की जा सकती है.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारत का आतंकवाद विरोधी संदेश लेकर सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों का दौरा करेंगे. इनमें से चार प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व सत्तारूढ़ दलों के नेता करेंगे, जबकि तीन का नेतृत्व विपक्षी दलों के नेता करेंगे.

यह प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के खिलाफ भारत की राष्ट्रीय सहमति और मजबूत दृष्टिकोण को उजागर करेंगे. इस अभियान का उद्देश्य आतंकवाद के प्रति देश के कतई बर्दाश्त नहीं करने के मजबूत संदेश को दुनिया के सामने रखना है.

सरकार ने नेतृत्व के लिए जिन नेताओं का चयन किया है, उनमें बीजेपी से रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे और जनता दल (यूनाइटेड) के संजय झा शामिल हैं. विपक्षी दलों से कांग्रेस के शशि थरूर, द्रमुक की कनिमोई, और राकांपा (एसपी) की सुप्रिया सुले शामिल हैं.

कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, लोकसभा में पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई, राज्यसभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन और लोकसभा सदस्य राजा बरार के नाम प्रतिनिधिमंडल के लिए भेजे थे.

टीएमसी का तर्क है कि राष्ट्र सबसे ऊपर है और उन्होंने देश की रक्षा के लिए केंद्र सरकार को हर संभव समर्थन देने का वादा किया है. पार्टी का कहना है कि विदेश नीति पूरी तरह से केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में है, इसलिए केंद्र सरकार को ही इसे तय करना और इसकी पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए.

टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार जो भी निर्णय देशहित में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए लेगी, टीएमसी उसमें कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेगी. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को किसी भी प्रतिनिधिमंडल के जाने से कोई समस्या नहीं है, लेकिन यह फैसला पार्टी को ही करना है कि प्रतिनिधिमंडल में कौन जाएगा. केंद्र सरकार एकतरफा यह फैसला नहीं कर सकती.

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