पाकिस्तान जैसे आतंकवाद समर्थक देश का साथ देना अब चीन और तुर्की को भारी पड़ रहा है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिन्दूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के ठिकानों को सटीकता से निशाना बनाया गया।
जवाब में पाकिस्तान ने ड्रोन और एयरबेस हमलों की कोशिश की, लेकिन वह चीन के हथियारों, फाइटर जेट्स और एयर डिफेंस सिस्टम्स पर निर्भर रहा और बुरी तरह असफल साबित हुआ। भारत ने पूरी तरह से स्वदेशी रक्षा तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं को पस्त किया।
अब यह लड़ाई सिर्फ सीमा तक सीमित नहीं रही। चीन और तुर्की ने जब भारत-विरोधी बयानबाजी करते हुए पाकिस्तान का खुला समर्थन किया, तो भारत ने कूटनीतिक जवाब से आगे बढ़कर सीधे आर्थिक ज़मीन पर करारा प्रहार किया।
भारत में काम कर रही तुर्की की कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज की सुरक्षा मंजूरी रद्द होते ही उसके शेयरों में शुक्रवार को 10 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, और केवल दो कारोबारी सत्रों में कंपनी के स्टॉक्स 20 प्रतिशत तक टूट गए।
पाकिस्तान को हथियार देने वाली चीनी कंपनियों की तकनीक भारत के सामने पूरी तरह से विफल साबित हुई, जिससे वैश्विक निवेशकों का भरोसा डगमगाया। परिणामस्वरूप, पिछले तीन कारोबारी सत्रों में चीन के रक्षा क्षेत्र के स्टॉक्स में भारी गिरावट देखने को मिली है।
यह साफ संकेत है कि भारत अब केवल सीमाओं पर नहीं, बल्कि विश्वभर में रणनीतिक स्तर पर भी अपने विरोधियों को घेरने की नीति पर मजबूती से आगे बढ़ रहा है।
ऑपरेशन सोंदूर के दौरान जब भारत ने आतंकवाद पर निर्णायक प्रहार किया, तो तुर्की ने एक बार फिर पाकिस्तान के साथ खड़े होकर भारत विरोधी रुख को खुलकर दर्शाया। अब तुर्की को इसकी भारी आर्थिक कीमत चुकानी पड़ रही है।
देशभर में तुर्की की कंपनियों के बहिष्कार की मांग तेज हो गई, जिसका सबसे सीधा असर भारत में काम कर रही तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज पर पड़ा।
नागर विमानन मंत्रालय ने स्पष्ट शब्दों में कहा, राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की सिक्योरिटी क्लियरेंस को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाता है।
इस आदेश के बाद नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो के निर्देश पर दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सेलेबी के साथ ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो सेवाओं का अनुबंध रद्द कर दिया। इसके साथ ही अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स ने मुंबई और अहमदाबाद एयरपोर्ट पर भी सेलेबी के साथ अपने अनुबंध को तुरंत समाप्त कर दिया।
शुक्रवार को ही सेलेबी के शेयरों में 10 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और पिछले दो कारोबारी सत्रों में स्टॉक्स लगभग 20 प्रतिशत तक टूट चुके हैं। पिछले चार ट्रेडिंग दिनों में कंपनी के शेयरों में कुल 30 प्रतिशत तक की गिरावट आ चुकी है।
यह वही तुर्की-आधारित कंपनी है जो भारत के प्रमुख हवाई अड्डों पर वर्षों से ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं दे रही थी और अब भारत सरकार के सख्त निर्णय का सीधा नुकसान झेल रही है।
कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा है कि वह भारत सरकार के इस निर्णय को पलटने के लिए प्रशासनिक और कानूनी उपायों का सहारा लेगी। लेकिन बाजार का रुख साफ संकेत दे रहा है कि अब भारत में सेलेबी के लिए कारोबारी ज़मीन तेजी से खिसक रही है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कंपनी की विश्वसनीयता को भी गहरा आघात पहुंचा है।
केवल कॉर्पोरेट क्षेत्र ही नहीं, बल्कि तुर्की का पर्यटन उद्योग भी भारतीय जनभावनाओं के प्रभाव से अछूता नहीं रहा।
प्रमुख ट्रैवल प्लेटफॉर्म मेकमाईट्रिप के प्रवक्ता ने बताया कि पिछले हफ्ते भारतीय यात्रियों में इस विषय को लेकर तीव्र जागरूकता देखने को मिली है। अजरबैजान और तुर्की के लिए बुकिंग में 60 प्रतिशत तक की गिरावट आई है, वहीं रद्दीकरण में 250 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है।
भारत की सैन्य क्षमताओं और आत्मनिर्भर रक्षा प्रणाली ने ऑपरेशन सोंदूर के दौरान पूरी दुनिया को चौंका दिया, वहीं इसके असर से चीन का डिफेंस सेक्टर भी बुरी तरह हिल गया है।
पाकिस्तान की ओर से भारतीय एयरबेस को नुकसान पहुंचाने के दावों को जब सैटेलाइट इमेजरी ने खारिज कर दिया और भारतीय वायुसेना की सर्जिकल सटीकता से की गई स्ट्राइक की पुष्टि हुई, तो चीन की डिफेंस कंपनियों पर निवेशकों का भरोसा ताश के पत्तों की तरह ढह गया।
शेन्ज़ेन में स्थित AVIC Chengdu Aircraft Co., जो पाकिस्तान के JF-17 फाइटर जेट्स का निर्माण करता है, उसके शेयरों में केवल तीन ट्रेडिंग सेशनों में 99 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
PL-15 एयर-टू-एयर मिसाइल बनाने वाली Zhuzhou Hongda Electronics Corp के शेयर 10 प्रतिशत तक गिर गए। इसी तरह China Aerospace Times Electronics के स्टॉक्स दो दिनों में 7 प्रतिशत लुढ़क गए।
Bright Laser Technologies, North Industries Group, China Spacesat और AVIC Aircraft जैसी प्रमुख रक्षा कंपनियों में भी 5 से 10 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
यह न सिर्फ पाकिस्तान की सैन्य विफलता है, बल्कि चीनी हथियारों की तकनीकी कमजोरी और विश्वसनीयता पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। भारत के विरुद्ध खड़े होने की रणनीति ने चीन को सिर्फ कूटनीतिक नहीं, अब आर्थिक मोर्चे पर भी झटका दिया है।
दूसरी ओर भारत का डिफेंस सेक्टर इन हालात में ताकत और भरोसे का प्रतीक बनकर उभरा है। ऑपरेशन सोंदूर के दौरान स्वदेशी तकनीक और हथियारों के प्रभावशाली प्रदर्शन ने घरेलू रक्षा कंपनियों में निवेशकों की दिलचस्पी को जबरदस्त रूप से बढ़ा दिया है।
Nifty India Defence Index ने मात्र तीन दिनों में 10 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की है, जो दर्शाता है कि भारत का डिफेंस इकोसिस्टम अब वैश्विक निवेशकों के लिए एक भरोसेमंद विकल्प बनता जा रहा है।
IdeaForge, GRSE (Garden Reach Shipbuilders & Engineers), Cochin Shipyard, और Bharat Dynamics जैसी कंपनियों के शेयरों में एक सप्ताह के भीतर 38 प्रतिशत तक की तेजी आई है। यह न सिर्फ निवेशकों के विश्वास का संकेत है, बल्कि भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की सफलता की सीधी तस्वीर भी पेश करता है।
Indian travellers have expressed strong sentiments over the past week, with bookings for Azerbaijan and Turkey decreasing by 60%, while cancellations have surged by 250% during the same period. In solidarity with our nation and out of deep respect for our armed forces, we… pic.twitter.com/VqIMn5MYa1
— ANI (@ANI) May 14, 2025
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