बीएसएफ जवान पूर्ण कुमार शॉ की पाकिस्तान से वापसी हो चुकी है, लेकिन पड़ोसी मुल्क में उनके साथ जो यातनाएं दी गईं, वह रूह कंपा देने वाली हैं। पूर्ण कुमार शॉ अनजाने में सरहद पार चले गए थे।
23 अप्रैल 2025 को पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करते हुए वह पेड़ के नीचे छाया की तलाश में बैठे थे, तभी पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। ये दुखद घटना पहलगाम में हुए आतंकी हमले के ठीक एक दिन बाद हुई थी।
भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों के चलते पूर्ण कुमार को वापस लाने के प्रयास काफी मुश्किल रहे। कई दौर की बातचीत और अनिश्चितता के बाद आखिरकार 14 मई को उनकी वापसी संभव हो पाई।
10 मई को दोनों देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर सैन्य अभियान रोकने के लिए समझौता बना, जिसके बाद सफलता मिली और चार दिन बाद शॉ को रिहा कर दिया गया।
वापस लौटने के तुरंत बाद, शॉ ने अपने परिवार से संपर्क किया और हिरासत में अपने साथ हुई यातनाओं के बारे में बताया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीएसएफ जवान ने अपनी पत्नी को बताया कि उनके साथ जासूसों जैसा व्यवहार किया गया। शारीरिक रूप से उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया, लेकिन मानसिक रूप से उन पर बहुत ज्यादा दबाव डाला गया।
कथित तौर पर पूर्ण कुमार शॉ को बाथरूम जाने और सोने जैसी बुनियादी जरूरतों से भी वंचित रखा गया।
पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रहने वाले पूर्ण कुमार शॉ बीएसएफ की 24वीं बटालियन में कार्यरत हैं। उन्हें हाल ही में पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में तैनात किया गया था, जो पाकिस्तान की सीमा से सटा हुआ है। गर्मी के कारण वह एक पेड़ की छांव में चले गए, जहां उन्हें पता नहीं चला कि वह पाकिस्तान का इलाका है।
आमतौर पर, अनजाने में सरहद पार करने वाले सैनिकों को उसी दिन या अगले दिन वापस सौंप दिया जाता है। लेकिन पूर्ण कुमार शॉ के लिए परिस्थिति इसलिए कठिन हो गई क्योंकि उनकी गिरफ्तारी से ठीक एक दिन पहले पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी।
बढ़ते तनाव के कारण प्रत्यावर्तन वार्ता रुक गई और दोनों देशों के बीच निर्धारित फ्लैग मीटिंग में देरी हुई।
पूर्ण कुमार की पत्नी रजनी अपने छोटे बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ शॉ की यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर से मिलने के लिए फिरोजपुर गईं। उन्हें बताया गया कि बातचीत चल रही है, लेकिन एक दिन बाद ही भारत ने सीमा पार आतंकी शिविरों पर हवाई हमले किए, जिससे चीजें और बिगड़ गईं।
तनाव के इस दौर में रजनी लगातार समाचारों पर नजरें टिकाए रहीं और अपने पति की वापसी की आशा बनाए रखीं। आखिरकार, 14 मई को उनकी उम्मीद राहत में बदल गई। शॉ को अटारी-वाघा सीमा के माध्यम से भारतीय धरती पर वापस लाया गया, जिससे उनकी 21 दिनों की पीड़ा खत्म हुई।
वापसी के बाद रजनी ने प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि मोदी जी हैं तो सब चीज संभव है। वो मेरे सुहाग को वापस लाए।
*Today BSF Jawan Purnam Kumar Shaw, who had been in the custody of Pakistan Rangers since 23 April 2025, was handed over to India: BSF
— ANI (@ANI) May 14, 2025
Constable Purnam Kumar Shaw had inadvertently crossed over to Pakistan territory, while on operational duty in area of Ferozepur sector on 23rd… pic.twitter.com/PnHB6wl69V
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