पाकिस्तान के बाद बांग्लादेश भी IMF के सामने, 4.1 अरब डॉलर की मदद मांगी!
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पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश की आर्थिक हालत आजकल नाजुक दौर से गुजर रही है। पहले पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से बड़ी आर्थिक मदद मांगी, और अब बांग्लादेश ने भी हाथ फैला दिए हैं।

IMF ने पुष्टि की है कि बांग्लादेश ने अतिरिक्त 762 मिलियन डॉलर की मदद की औपचारिक मांग की है। इसके साथ, IMF से मांगी गई कुल सहायता की रकम अब 4.1 अरब डॉलर तक पहुंच गई है।

IMF के अनुसार, बांग्लादेश ने ECF (Extended Credit Facility) और EFF (Extended Fund Facility) के तहत यह अतिरिक्त मदद मांगी है। बांग्लादेश मिशन प्रमुख क्रिस पापागियोर्जियो ने कहा है कि बांग्लादेश गंभीर मौद्रिक और वित्तीय संकट से जूझ रहा है, इसलिए यह अतिरिक्त सहायता उनकी जरूरत बन गई है।

IMF और बांग्लादेशी अधिकारियों के बीच तीसरे और चौथे मूल्यांकन को लेकर स्टाफ लेवल पर सहमति बन गई है। जून 2025 में IMF बांग्लादेश को लगभग 1.3 अरब डॉलर की किस्त देने वाला है।

हालांकि, यह सहमति अभी IMF की एग्जीक्यूटिव बोर्ड की मंजूरी पर टिकी है। इस मंजूरी के लिए बांग्लादेश को कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे, जैसे कि एक्सचेंज रेट को पूरी तरह से मुक्त करना और टैक्स रिफॉर्म लागू करना।

यह मदद तीन हिस्सों में बंटेगी: ECF और EFF के तहत 650.5 मिलियन SDR (लगभग 874 मिलियन डॉलर), और RSF (Resilience and Sustainability Facility) के तहत 333.3 मिलियन SDR (लगभग 448 मिलियन डॉलर)।

IMF ने बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को लेकर चेतावनी दी है। वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में बांग्लादेश की जीडीपी ग्रोथ सिर्फ 3.3% रही है, जो सामान्य से काफी कम है। पूरे साल के लिए इसे बढ़ाकर 3.8% तक पहुंचने की उम्मीद है, लेकिन वित्तीय संकट और घरेलू अस्थिरता से स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।

महंगाई भी बांग्लादेश में एक बड़ी समस्या बनी हुई है। इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत में महंगाई दहाई के करीब पहुंच गई थी, जो अब घटकर 8.5% तक आने की उम्मीद है। IMF ने बैंकिंग सेक्टर की खराब स्थिति और वैश्विक अनिश्चितता को लेकर चिंता जताई है।

IMF ने बांग्लादेश से साफ कहा है कि उसे अब नीति सुधार, गवर्नेंस को मजबूत करना और विदेशी निवेश के लिए माहौल बेहतर बनाना होगा। साथ ही, केवल गारमेंट इंडस्ट्री पर निर्भरता कम करते हुए निर्यात को विविधता देना जरूरी है।

IMF ने यह भी सुझाव दिया है कि बांग्लादेश बैंक की स्वतंत्रता और पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जाए, ताकि देश की आर्थिक स्थिरता को लंबे समय तक बनाए रखा जा सके।

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