पाकिस्तान अपने अपराधों को छिपाने की कितनी भी कोशिश करे, सच्चाई सामने आ ही जाती है। अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी ने खुद ही अपने देश के झूठ का पर्दाफाश कर दिया है।
हुसैन हक्कानी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट लिखकर पाकिस्तान में आतंकवाद को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने लिखा है कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने भारत और पाकिस्तान को लगभग युद्ध की स्थिति में पहुंचा दिया था। भविष्य में ऐसा दोबारा न हो, इसके लिए जरूरी है कि जिहादी संगठनों को बंद किया जाए। जब देश के पास पहले से ही एक सुसज्जित सशस्त्र सेना है, तो फिर लश्कर, सिपाह, जैश और दिफा-ए-वतन काउंसिल जैसे संगठनों की जरूरत ही क्या है?
इसमें कोई संदेह नहीं था कि पहलगाम हमला पाकिस्तान में पल रहे आतंकियों ने करवाया था। भारत ने इसके सबूत दुनिया के तमाम देशों को दिए भी हैं। इससे पहले भी, 2019 पुलवामा अटैक हो, 2016 पठानकोट हमला हो या 2016 उरी हमला, 26/11 का मुंबई हमला हो या 2002 में संसद पर हुआ आतंकी हमला - ये सब पाकिस्तानी आतंकियों की ही करतूतें थीं।
लेकिन पाकिस्तान हमेशा से यह दिखावा करता रहा है कि वह आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने वाला देश है। अब उसी के लोग उसके झूठ का पर्दाफाश कर रहे हैं।
हुसैन हक्कानी फिलहाल पाकिस्तान के फॉरेन रिलेशन्स काउंसिल के सदस्य हैं और 2008 से 2011 तक अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रह चुके हैं। उन्होंने साफ तौर पर बताया है कि पाकिस्तान लश्कर और जैश जैसे कई आतंकी संगठनों को पाल रहा है। उन्होंने अपने देश से इन जिहादी आतंकी संगठनों को बंद करने की मांग की है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि इन्हीं आतंकियों ने पहलगाम में हमला किया, जिसकी वजह से भारत और पाकिस्तान युद्ध के कगार पर पहुंच गए थे।
पाकिस्तान सालों से दुनिया को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहा है कि वह आतंकी संगठनों पर कार्रवाई कर रहा है। अक्टूबर 2022 में पाकिस्तान इसी दलील का इस्तेमाल करके FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर आया था। FATF एक वैश्विक संस्था है जो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी संगठनों तक फंड देने वाले देशों पर निगरानी रखता है।
लेकिन पहलगाम हमला इस बात की पुष्टि करता है कि पाकिस्तान ने किसी आतंकी संगठन पर कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि आतंकियों को बढ़ावा दिया है। हुसैन हक्कानी का पोस्ट इस दावे पर मुहर की तरह है।
*A terrorist attack in Pahalgam led India and Pakistan to the brink of total war. To avoid that in future, it is important to shut down Jihadi groups. With well equipped armed forces, why does the country need Lashkar, Sipah, Jaish, & their Difa-e-Watan Council? pic.twitter.com/kf4PXukPTJ
— Husain Haqqani (@husainhaqqani) May 14, 2025
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