पत्रकारिता के कुछ बुनियादी सिद्धांत होते हैं, जिनमें खबर के हर पहलू को प्रस्तुत करना शामिल है, खासकर जब दो देशों के बीच सैन्य संघर्ष की रिपोर्टिंग की जा रही हो। निष्पक्षता का तकाजा है कि दोनों पक्षों को कवरेज में समान महत्व दिया जाए।
न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT), वॉशिंगटन पोस्ट और CNN जैसे संस्थानों ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान एकतरफा रुख अपनाया, जिससे पत्रकारिता के सिद्धांतों पर सवाल खड़े हो गए हैं।
NYT ने 7 मई को प्रकाशित एक रिपोर्ट में पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के बयानों को प्रमुखता दी। आसिफ ने दावा किया कि पाकिस्तानी वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के 5 विमानों और 2 ड्रोन को मार गिराया, और भारतीय मिसाइलों को लॉन्च होने से रोका। NYT ने इन दावों को रिपोर्ट करते हुए भारतीय सेना और सरकार के आधिकारिक बयानों को अनदेखा कर दिया।
कुछ समय बाद, NYT ने एक और आर्टिकल में लिखा कि पाकिस्तान का दावा है कि उसने भारत के तीन राफेल, एक मिग-29, एक एसयू-30 फाइटर जेट और एक हेरॉन ड्रोन को मार गिराया। NYT ने स्वीकार किया कि वह इन दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सका, लेकिन फिर भी इन दावों को सच दिखाने की कोशिश की।
10 मई को NYT ने एक अलग तरह का प्रयास किया। भारत ने जिन नौ आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की थी, उसको लेकर पाकिस्तान के दावों को फैलाया। उन्होंने ये तो माना कि ये सब आतंकियों के ठिकाने थे लेकिन इसको किंतु-परंतु के साथ परोसा।
जैसे सबूत मिले, NYT ने अपना रुख बदला। 11 मई को प्रकाशित एक आर्टिकल में उन्होंने पाकिस्तान के नुकसान की बात सामने लाई। उन्होंने लिखा कि भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादी समूहों से जुड़े ठिकानों के इतने करीब हमले किए कि वह जीत का दावा कर सकता है।
वॉशिंगटन पोस्ट ने भी ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपनी शुरुआती खबरों में भारत के नुकसान के बारे में लिखा, और खबरों का एंगल पाकिस्तान के फेवर में रखा। 7 मई को प्रकाशित खबर का हेडलाइन लिखा, पाकिस्तान ने इंडियन फाइटर जेट को गिराने का दावा किया, हमले का जवाब देने की कसम खाई।
9 मई को वॉशिंगटन पोस्ट ने पाकिस्तान के दावों को सही साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हेडलाइन दिया, तस्वीरों से पता चलता है कि पाकिस्तानी एयरस्ट्राइक में भारत के कम से कम दो एयरक्राफ्ट दुर्घटनाग्रस्त हुए।
हालांकि इसके बाद इस बात के पुख्ता सबूत सामने आ गए कि भारत की कार्रवाई में पाकिस्तान को काफी नुकसान पहुंचा है। और इसी कारण पाकिस्तान ने सीजफायर की गुहार लगाई। इसके बाद वॉशिंगटन पोस्ट की भी NYT वाली ही स्थिति हो गई। 14 मई तक उनको भी पूरी स्पष्टता के साथ ये सच्चाई स्वीकार करनी ही पड़ी।
अमेरिकी न्यूज चैनल CNN के डिप्लोमैटिक अफेयर्स एडिटर निक रॉबर्टसन ने हद पार कर दी। 10 मई को भारत और पाकिस्तान से बीच सीज़फायर समझौते को उन्होंने ऐसे रिपोर्ट किया, जैसे पाकिस्तान ने ये हमले आत्मरक्षा में किए।
बहरहाल, NYT और वॉशिंगटन पोस्ट की ही तरह CNN की भी पोल खुली। और ये किया उन्हीं के चैनल के एक पत्रकार ने। 14 मई को CNN के पत्रकार फरीद जकारिया ने अपने एडिटर इन चीफ, फॉरेन अफेयर्स रवि अग्रवाल से पूछा, क्या भारत ने पाकिस्तान को घेर लिया? इस पर अग्रवाल का जवाब था, अमेरिका ने तब हस्तक्षेप करने का फैसला किया जब भारत ने पाकिस्तान के परमाणु कमांड साइट के नजदीक हमला किया।
भारतीय सेना और सरकार ने इस बात से इनकार किया है कि उन्होंने पाकिस्तान के किसी भी न्यूक्लियर फैसिलिटी को निशाना बनाया। लेकिन इतना तो स्पष्ट है कि पाकिस्तान में जो धमाके हुए, वो पाकिस्तान के पीछे हटने के लिए काफी थे। ऐसे कुछ और भी पश्चिम के पहरेदार हैं जो धीरे-धीरे खुद को करेक्ट कर रहे हैं। क्योंकि प्रत्यक्ष प्रमाण के आगे उनके नैरेटिव फेल हो गए हैं।
Fareed Zakaria, CNN: Did India corner Pakistan?
— Sanjay Madrasi Pandey | Ex-Reuters | Ex-Telegraph (@Sanjraj) May 14, 2025
Editor, Foreign Policy: US decided to intervene when India hit Pakistan close to its nuclear command site. The US knew Islamabad had been cornered and they may start using nukes [in response].#OperationSindoor #IndiaPakistanWar pic.twitter.com/oZt8q1B28D
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