ब्रह्मोस: भारत की वो ताकत जिसने पाकिस्तान को हिला दिया!
News Image

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में ब्रह्मोस इंटीग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी का उद्घाटन किया। यह केवल एक सैन्य परियोजना नहीं, बल्कि दुश्मनों, खासकर पाकिस्तान को कड़ा संदेश है। रक्षामंत्री ने ब्रह्मोस को भारत की सामरिक शक्ति का प्रतीक बताया। यह न सिर्फ दुनिया की सबसे तेज़ सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल है, बल्कि भारतीय सशस्त्र बलों की शक्ति का प्रतीक भी है। यह विरोधियों के लिए चेतावनी है और सीमाओं की रक्षा के प्रति देश की प्रतिबद्धता का संदेश है। ब्रह्मोस ने पाकिस्तान में डर पैदा कर दिया है।

ब्रह्मोस एक यूनिवर्सल प्रिसिशन-स्ट्राइक मिसाइल है। इसे ज़मीन, समुद्र और हवा तीनों से दागा जा सकता है। दुश्मन चाहे पहाड़ों की ओट में छिपा हो या समुद्र की गहराई में, ब्रह्मोस उसे ढूंढ कर तबाह कर सकता है। यह हर मौसम और हर मोर्चे पर तैनात की जा सकती है और दुनिया की सबसे तेज़ सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलों में से एक है। 12 जून 2001 को पहले परीक्षण के बाद से, इसने तकनीकी ऊँचाइयाँ छुई हैं। हर नए वर्ज़न में इसे और खतरनाक और अचूक बनाया गया है।

ब्रह्मोस फायर एंड फॉरगेट सिद्धांत पर काम करती है। एक बार निशाना साध लिया और मिसाइल दाग दी, तो फिर इंसानी दखल या तकनीकी गाइडेंस की ज़रूरत नहीं होती। यह अपने लक्ष्य को भेदे बिना नहीं रुकती। इसकी रफ्तार इतनी तेज़ है कि दुश्मन के पास प्रतिक्रिया देने का वक़्त नहीं होता और लो-रडार सिग्नेचर की वजह से इसे पहले से पकड़ना लगभग नामुमकिन होता है। यह दुश्मन के सबसे एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देकर सीधे टारगेट पर प्रहार करती है। ब्रह्मोस भारत की सैन्य आत्मनिर्भरता और आक्रामक रणनीतिक सोच का प्रतीक है।

ब्रह्मोस की शुरुआत 1980 के दशक में इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (IGMDP) से हुई। इसका नेतृत्व डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम कर रहे थे, जिनका सपना था कि भारत अपनी रक्षा ज़रूरतों के लिए आत्मनिर्भर बने। इस कार्यक्रम के तहत अग्नि, पृथ्वी, आकाश और नाग जैसी कई मिसाइलों का विकास हुआ।

1991 के खाड़ी युद्ध ने क्रूज़ मिसाइलों की ताकत को उजागर किया। भारत ने भी क्रूज़ मिसाइल क्षमता विकसित करने का फैसला किया। फरवरी 1998 में मास्को में डॉ. कलाम और रूस के उप रक्षा मंत्री एन. वी. मिखाइलोव के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए। डॉ. कलाम, जो DRDO के प्रमुख थे, ने रूस के NPO Mashinostroyenia के साथ मिलकर ब्रह्मोस एयरोस्पेस नाम की एक जॉइंट वेंचर कंपनी की स्थापना की। ब्रह्मोस नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मॉस्कवा नदियों के नामों से लिया गया। इस परियोजना में भारत की 50.5% और रूस की 49.5% हिस्सेदारी थी। 12 जून 2001 को ओडिशा के चांदीपुर तट पर ब्रह्मोस मिसाइल का पहला सफल परीक्षण हुआ।

ब्रह्मोस दुनिया की सबसे उन्नत सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है। यह मैक 2.8 से लेकर मैक 3.0 तक की गति से उड़ती है, जो आवाज़ की गति से लगभग तीन गुना तेज़ है। इसकी मारक दूरी 290 किमी से बढ़कर 800 किमी से अधिक हो गई है।

यह मिसाइल दो चरणों में काम करती है। पहले चरण में ठोस ईंधन वाला बूस्टर इंजन मिसाइल को सुपरसोनिक गति तक पहुंचाता है। फिर लिक्विड रैमजेट इंजन क्रूज़ चरण के दौरान मिसाइल को मैक 3 की रफ्तार तक बनाए रखता है। ब्रह्मोस को भूमि, समुद्र, वायु और पनडुब्बी जैसे सभी प्लेटफार्मों से दागा जा सकता है। इसके वारहेड की क्षमता 200 से 300 किलोग्राम के बीच होती है। यह फायर एंड फॉरगेट सिद्धांत पर आधारित है और स्टेल्थ टेक्नोलॉजी इसे रडार पर न के बराबर दृश्य बनाती है।

ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली की सबसे बड़ी ताकत इसकी बहुविध तैनाती क्षमता है। हर संस्करण एक विशिष्ट युद्ध परिदृश्य को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।

ब्रह्मोस-एनजी की पहली परीक्षण उड़ान 2026 में प्रस्तावित है और 2027-28 के बीच इसके बड़े पैमाने पर उत्पादन की योजना है।

*

कुछ अन्य वेब स्टोरीज

Story 1

ऑपरेशन केलर: ढेर हुए तीन आतंकी, हथियारों का जखीरा बरामद

Story 1

ये कोर्ट में भी लिख दूंगी : बॉयफ्रेंड के लिए पति और बच्चे को छोड़ने को तैयार महिला!

Story 1

सुरों के सरताज, कैसे बने विवादों के बेताज बादशाह ? सोनू निगम की 5 बड़ी कंट्रोवर्सी!

Story 1

क्या है आकाशतीर? जिसके आगे झुका पाकिस्तान, खरीदने की मची होड़!

Story 1

मंत्री विजय शाह पर हाईकोर्ट का शिकंजा, 6 घंटे में FIR का आदेश!

Story 1

अमृतसर में ज़हरीली शराब का कहर: मृतकों की संख्या 23 हुई, मुख्यमंत्री मान ने किया 10 लाख मुआवजे का ऐलान

Story 1

ट्रंप के दावों को गंभीरता से न लें, उन्होंने कैंसर का इलाज भी किया: पूर्व पेंटागन अधिकारी

Story 1

छत्तीसगढ़: 21 दिन का ऑपरेशन, 21 मुठभेड़ें, 1.72 करोड़ के इनामी 31 नक्सली ढेर, हथियारों का जखीरा बरामद

Story 1

प्लेऑफ से पहले RCB को मिली बड़ी राहत, मैच विनर खिलाड़ी टीम में शामिल!

Story 1

तुर्किए सामानों के विरोध पर कांग्रेस नेता दलवई का बड़ा बयान: ‘पाकिस्तान को मदद करने वालों का बहिष्कार हो’